MJPRU: कुलपति केपी सिंह नई नियुक्ति होने तक संभालेंगे जिम्मा, 30 वर्ष पुरानी परंपरा को छात्रों के हित में बदला

एमजेपी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो.केपी सिंह ने 30 साल पुरानी व्यवस्था को खत्म किया. उन्होंने 50 हजार स्टूडेंट की डिग्रियों और अंकपत्रों से एप्लाइड शब्द हटाने की निर्णय किया था. इसके साथ ही परास्नातक के कोर्स से एल्पाइड शब्द हमेशा के लिए हटा दिया गया है.

By Sanjay Singh | August 17, 2023 2:27 PM
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Bareilly News: महात्मा ज्योतिबा फुले (एमजेपी) रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के कुलपति (वीसी) प्रो.केपी सिंह का कार्यकाल खत्म होने के बाद अभी इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं हुई है. इस वजह से फिलहाल प्रो.केपी सिंह वीसी की जिम्मेदारी संभाले रहेंगे. कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.

बरेली स्थित रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो.केपी सिंह ने छात्रों को 30 वर्ष पुरानी परंपरा से निजात दिलाई थी. उन्होंने स्टूडेंट को ‘एप्लाइड’ शब्द से मुक्ति दिलाई. इसके साथ ही डिग्री और अंकपत्र से ‘एप्लाइड’ को हटाकर नया जारी किया गया. इससे पढ़ाई पूरी करने वाले स्टूडेंट को काफी राहत मिली थी.

नए कुलपति की नियुक्ति या अग्रिम आदेश तक संभालेंगे जिम्मा

कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने प्रो.कृष्णपाल सिंह (केपी सिंह) को एमजेपी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के कुलपति के रूप में कार्यकाल को नियमित कुलपति की नियुक्ति होने अथवा अग्रिम आदेशों तक जो भी पहले हो, तब तक के लिए नियुक्त कर दिया है. कुलाधिपति के अपर मुख्य सचिव डॉ.सुधीर एम.बोबडे ने इस आदेश को जारी किया है.

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रुहेलखंड यूनिवर्सिटी को नैक ग्रेडिंग में ए- डबल प्लस मिला

प्रो.केपी सिंह के नेतृत्व में रुहेलखंड यूनिवर्सिटी ने शिक्षा के क्षेत्र में बुलंदी पर पहुंचाया है. एमजेपी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी को नैक ग्रेडिंग में ए- डबल प्लस मिला है. इसके साथ ही यूपी का चौथा ऐसा विश्वविद्यालय बना है, जिसने यह उपलब्धि हासिल की है. इसके अलावा ताइवान, नेपाल समेत कई देशों के साथ शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर एमओयू साइन किया जा चुका है. इससे छात्र एक दूसरे के रिसर्च और अन्य शिक्षण सामग्री का आदान प्रदान कर शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बना सकेंगे.

30 साल पुरानी परंपरा की खत्म, डिग्रियों से हटा ‘एप्लाइड’ शब्द

एमजेपी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के वीसी ने 30 साल पुरानी व्यवस्था को खत्म किया था. उन्होंने 50 हजार स्टूडेंट की डिग्रियों और अंकपत्रों से एप्लाइड शब्द हटाने की निर्णय किया था. इसके साथ ही परास्नातक के कोर्स से एल्पाइड शब्द हमेशा के लिए हटा दिया गया है.

यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद मिलने वाले अंक पत्र, प्रमाण पत्र में एप्लाइड शब्द लिखे होने के कारण छात्र-छात्राओं को सरकारी नौकरी में परेशानियों का सामना करना पड़ता था. उनके विषय को उतनी मान्यता नहीं दी जाती थी, जितनी की सामान्य कोर्स के छात्रों को मिलती थी. इसलिए रोजगार मिलने में होने वाली परेशानी को लेकर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो.केपी सिंह ने गहराई से समझा, और फिर एक आदेश पारित कर परास्नातक पाठ्यक्रमों से एप्लाइड शब्द को हटाने का निर्णय लिया था.

पुराने स्टूडेंट को भी मिला नया अंकपत्र

यूनिवर्सिटी के पुराने स्टूडेंट की डिग्री (अंकपत्र) को भी बदला गया था. इससे 30 वर्ष पुराने स्टूडेंट को नई डिग्री दी गई हैं. यूनिवर्सिटी परिसर में चलने वाले 7 परास्नातक कोर्स में लगभग 50 हजार छात्रों को नया अंकपत्र और प्रमाण पत्र जारी किया गया. इससे किसी भी सरकारी नौकरी में आसानी से आवेदन कर सकेंगे.

बरेली कॉलेज में 18 अगस्त तक एडमिशन

उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित बरेली कॉलेज, बरेली में प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तिथि 18 अगस्त है. इस तारीख तक कॉलेज के पोर्टल पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. एडमिशन फीस जमा करने में अगर कोई अड़चन है, तो वे सेमिनार कक्ष में सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक संपर्क कर सकते हैं.

मुख्य प्रवेश नियंत्रक प्रो.वंदना शर्मा ने बताया कि स्नातक के बीएससी गणित, बीए, बीकॉम में प्रवेश के लिए पूर्व में तीन कटऑफ मेरिट जारी हो चुकी हैं. यूनिवर्सिटी के प्रवेश संबंधी दिशानिर्देश के तहत 18 अगस्त तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी है. ऐसे में अब पंजीकरण कराने वाले सभी अभ्यर्थियों को नियमानुसार प्रवेश का मौका दिया गया है.

पोस्ट ग्रेजुएशन (परास्नातक) में प्रवेश के लिए पोर्टल पर एक अगस्त से पंजीकरण शुरू हो गया है. अब तक पोर्टल पर 605 पंजीकरण हो चुके हैं. हालांकि, यूनिवर्सिटी ने परास्नातक में प्रवेश प्रकिया पूरी करने की तिथि सितंबर तक बढ़ा दी है. प्रो.वंदना शर्मा के मुताबिक स्नातक में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद परास्नातक में प्राप्त पंजीकरण के सापेक्ष प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

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