कोरोना से जंग में आगे आये झारखंड के कई माननीय, विधायक फंड प्रवासियों को देने की रखी मांग

देश के अलग-अलग हिस्से में फंसे झारखंड के मजदूर व छात्रों के लिए जनप्रतिनिधि आगे आये है़ं मुंबई, दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलुरू, मंगलौर सहित देश में हजारों की संख्या में झारखंड के गरीब मजदूर व उनके परिवार फंसे है़ं प्रवासी मजदूर भूखमरी के कगार पर है़ं

By Pritish Sahay | March 27, 2020 12:23 AM

रांची : देश के अलग-अलग हिस्से में फंसे झारखंड के मजदूर व छात्रों के लिए जनप्रतिनिधि आगे आये है़ं मुंबई, दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलुरू, मंगलौर सहित देश में हजारों की संख्या में झारखंड के गरीब मजदूर व उनके परिवार फंसे है़ं प्रवासी मजदूर भूखमरी के कगार पर है़ं इधर झारखंड के जनप्रतिनिधि भी सक्रिय हुए है़ं माले विधायक विनोद सिंह ने गिरिडीह के उपविकास आयुक्त को पत्र लिख कर कहा है कि उनका विधायक फंड प्रवासी मजदूरों के खाते में ट्रांसफर किया जाये़ श्री सिंह ने डीडीसी को भेजे पत्र में कहा है कि नियम शिथिल कर इस दिशा में कार्रवाई की जाये़ श्री सिंह ने कहा कि महानगरों में फंसे मजदूरों को वहां की राज्य सरकार खाद्य सामग्री नहीं पहुंचा पा रही है़ मजदूर फोन कर रो रहे है़ं अपनी पीड़ा बता रहे है़ं

इधर, भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने मुख्य सचिव डीके तिवारी से मिल कर राज्य से बाहर काम कर रहे मजदूरों को समस्या पर चर्चा की़ श्री शाही ने कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, दिल्ली, पंजाब, तेलांगाना में हजारों मजदूर काम करते है़ं

बाहर फंसे मजदूरों को अंबा ने पहुंचायी मदद

कोरोना के खिलाफ जंग में बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद अपने क्षेत्र के दूसरे राज्यों में फंसे लोगों और अन्य जिलों के जरूरतमंदों को सहायता पहुंचा रही हैं. उन्होंने बताया कि सुबह पांच बजे से ऐसे लोगों के कॉल आने लगते हैं और देर रात तक आते रहते हैं. विधायक ने तमिलनाडु, दिल्ली, गोवा, ओड़िशा, भोपाल, कर्नाटक, मुंबई आदि जगहों में फंसे लोगों को स्थानीय विधायकों और प्रशासन से संपर्क स्थापित कर राशन उपलब्ध करवाया है. बताया कि तमिलनाडु के विधायक कार्तिक, भोपाल के विधायक कैलाश वर्मा, मुंबई के विधायक आलम ने उनके अनुरोध पर मदद की. यह भी कहा कि उनके क्षेत्र में भी दूसरे राज्य के लोग काम करते हैं, उन्हें भी मदद पहुंचायी जा रही है.

बाहर फंसे लोगों ने कंट्रोल रूम से मांगी मदद

राज्य स्तरीय कोरोना नियंत्रण कक्ष (181) में सबसे अधिक फोन दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के आ रहे हैं. ऐसे लोग सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. नियंत्रण कक्ष से संबंधित राज्यों को सूचना देकर मदद का आग्रह किया गया है. यहां 26 मार्च को 589 लोगों ने फोन किये. इसमें 283 फोन ऐसे थे, जो किसी अन्य राज्य में फंसे हुए हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं. इसके बाद 130 लोगों ने खाद्य आपूर्ति को लेकर फोन किया. सबसे अधिक शिकायत राशन दुकानदारों द्वारा अधिक मूल्य लेने संबंधी आयी है. कुछ मजदूरों ने राशन कार्ड नहीं होने की बात कही. आज उनके समक्ष खाने का संकट हो गया है. गौरतलब है कि नियंत्रण कक्ष में अलग-अलग जिलों का डेस्क बना हुआ है. जहां 24 घंटे काम हो रहा है.

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