Agra News: जिले के वाटर वर्क्स चौराहे के पास अचानक धमाकों की आवाज सुनकर अफरा-तफरी मचने लगी. सच्चाई का पता चला तब कहीं जाकर लोगों ने राहत की सांस ली. दरअसल, वॉटर वर्क्स चौराहे के पास स्थित नागरिक सुरक्षा कोर ने भूकंप, आग लगने और एक्सीडेंट होने की स्थिति में बचाव कार्य के लिए मॉकड्रिल किया. मॉकड्रिल का रिहर्सल कुछ इस तरह से हुआ के लोगों को सच में किसी आपदा का एहसास होने लगा.
दरअसल, नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस की 59 वीं वर्षगांठ के अवसर पर सिविल डिफेंस कमला नगर डिवीजन और लायंस क्लब फ्रेंड्स महान के तत्वाधान में रविवार को वॉटर वर्क्स जीवनी मंडी रोड पर आपदा प्रबंधन का मॉक ड्रिल किया गया.
नागरिक सुरक्षा कोर के डिप्टी चीफ वार्डेन अरुण कुमार गर्ग ने बताया कि, दुनियाभर में अक्सर भूकंप के झटके देखने को मिलते रहते हैं. वहीं जिस दिन 6.5 रिएक्टर की तीव्रता पर भूकंप आएगा. तो कई बड़ी इमारतें धराशाई हो सकती हैं, और जानमाल की क्षति भी होगी, लेकिन जो लोग ऐसी स्थिति में अपने आप को जागरूक रख सकेंगे. वही अपने आपको और अपने परिवार को बचा सकते हैं. इसलिए ऐसे संकट में लोगों को अपनी जान कैसे बचानी है और किस तरह से सिविल डिफेंस उनके लिए तैयार रहेगी. उसी का मॉक ड्रिल किया गया.
Also Read: Agra News: पोल्ट्री फॉर्म के कर्मचारियों से लूटा 5 लाख कैश का थैला, पुलिस को लूट ही लग रही ‘गड़बड़’
राष्ट्रीय सुरक्षा कोर की असिस्टेंट डिप्टी कंट्रोलर संगीता त्रिपाठी ने बताया कि, मॉक ड्रिल में हम संभावित खतरे से बचाव और सुरक्षा को लेकर अपनी तैयारियों को परखते हैं. इस दौरान हम गलतियों से सीख कर उनमें सुधार करते हैं. रविवार को आयोजित मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस टीम और अन्य बचाव टीमों के बीच कोर्डिनेशन और स्पेशल ऑपरेशन में होने वाली प्रक्रियाओं को जमीनी स्तर परखा गया.
Also Read: Agra News: बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों ने किया लाल किले का दीदार, भारतीय मेहमान नवाजी के हुए मुरीद
राष्ट्रीय सुरक्षा कोर की टीम ने मॉक ड्रिल में पानी में आग लगने पर कैसे बचा जाए. किसी धमाके में लोगों के घायल होने पर उन्हें किस तरह से चिकित्सा सुविधा दी जाए. अगर कोई दूसरी मंजिल पर आग में फंस जाए तो उसे कैसे बचाकर निकाला जाए और वहीं घर में किसी के फंसे होने पर किस तरह से उसका रेस्क्यू किया जाए. इन सभी प्रक्रियाओं का मॉक ड्रिल किया, और लोगों को आपदा के समय बचने के लिए जागरूक किया.
रिपोर्ट- राघवेंद्र सिंह गहलोत