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बंगाल के नीशीथ प्रमाणिक मोदी कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और सुभाष ने भी ली शपथ

Modi Cabinet Reshuffle: पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में बंगाल से चार लोग शामिल किये गये. डॉ सुभाष सरकार, जॉन बारला, शांतनु ठाकुर और नीशीथ प्रमाणिक को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है. बाबुल सुप्रियो और देबश्री चौधरी से इस्तीफा ले लिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2021 8:03 PM
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कोलकाताः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट से दो लोगों का इस्तीफा लेकर उनकी जगह चार नये लोगों को शामिल किया गया. बुधवार (7 जुलाई) की शाम को 6 बजे जिन 43 मंत्रियों ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली, उनमें पश्चिम बंगाल से 4 मंत्री थे. सुभाष सरकार, जॉन बारला, नीशीथ प्रमाणिक और शांतनु ठाकुर ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली. 35 साल के नीशीथ प्रमाणिक सबसे कम उम्र के मंत्री हैं, जिन्होंने आज शपथ ली.

इससे पहले, केंद्रीय मंत्रिमंडल में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री देबश्री चौधरी से इस्तीफा ले लिया गया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बंगाल प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के भी केंद्रीय मंत्री बनने की चर्चा चल रही थी, लेकिन अंतिम सूची में उनका नाम नहीं था.

सुभाष सरकार पेशे से डॉक्टर हैं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव बांकुड़ा संसदीय सीट से जीत दर्ज की थी. वहीं, जॉन बारला उत्तर बंगाल के अलीपुरदुआर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे, जबकि नीशीथ प्रमाणिक कूचबिहार संसदीय सीट से चुनाव जीतकर निचले सदन लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे.

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उत्तर बंगाल को अलग करने की मांग करने वाले नेता हैं जॉन बारला

उत्तर बंगाल के नेता जॉन बारला पिछले कुछ दिनों से उत्तर बंगाल को पश्चिम बंगाल से अलग करने की मांग बुलंद कर रहे हैं. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि उत्तर बंगाल को अलग प्रदेश का दर्जा दिया जाये. अगर ऐसा नहीं होता है, तो इस क्षेत्र को जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर केंद्रशासित प्रदेश बना दिया जाये, ताकि क्षेत्र का विकास हो सके.

उनका कहना है कि बंगाल की अब तक की सभी सरकारों ने उत्तर बंगाल से राजस्व को खूब कमाये, लेकिन इस क्षेत्र के विकास के बारे में किसी ने नहीं सोचा. उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर लगातार हमले किये. कहा कि ममता बनर्जी के शासन में उत्तर बंगाल पूरी तरह से उपेक्षित है. यह और बात है कि ममता इन आरोपों को सिरे से खारिज करती रही हैं.

राजवंशी समाज से आते हैं नीशीथ प्रमाणिक

नीशीथ प्रमाणिक राजवंशी समाज से आते हैं. वर्ष 2019 के आम चुनाव में उन्होंने उत्तर बंगाल के कूचबिहार लोकसभा सीट से चुनाव जीत दर्ज की थी. उत्तर बंगाल में राजवंशी समाज का बड़ा वोट बैंक है और उस समाज के नीशीथ नेता हैं. पार्टी के कहने पर उन्होंने बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 भी लड़ा और जीत दर्ज की. भाजपा ने विधानसभा चुनाव में उन्हें कूचबिहार के दीनहाटा से मैदान में उतारा था.

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मतुआ समुदाय के शांतनु ठाकुर को अहमियत देते हैं पीएम मोदी

इसी तरह उत्तर 24 परगना जिला के बनगांव लोकसभा सीट के सांसद शांतनु ठाकुर को भी मोदी कैबिनेट में जगह दी जा रही है. शांतनु ठाकुर मतुआ समुदाय के बड़े नेता हरिचंद्र ठाकुर के खानदान से ताल्लुक रखते हैं. पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित साह शांतनु को काफी अहमियत देते हैं. पीएम मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान शांतनु उनके साथ थे.

बंगाल में मतुआ समुदाय के लोगों की अच्छी-खासी तादाद है, जो चुनावों को प्रभावित करते हैं. इस समुदाय का समर्थन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिला था. हालांकि, 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को वैसी सफलता नहीं मिली, जिसकी उसे उम्मीद थी. यही वजह है कि वर्ष 2024 के आम चुनाव से पहले वोटरों को साधने के लिए मोदी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल हो रहा है.

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Posted By: Mithilesh Jha

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