Modi Govt 8 Years: लोहरदगा जिला प्रभारी कालीचरण मुंडा ने गुरुवार को कांग्रेस भवन में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आठ वर्षों का सफर पूरा करने के बाद नौवें वर्ष में कदम रखेगी. इस दौरान अपनी उपलब्धियों का बखान भी किया जायेगा, पर एक सजग राजनैतिक विपक्ष होने के दायित्व के साथ कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार को आईना दिखायेगी. उन्होंने कहा कि आज आठ वर्षों के बाद पूरा देश नफरत एवं डर के वातावरण में जीने को मजबूर है. सरना धर्म कोड का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था, लेकिन आज तक इसका समाधान नहीं हो पाया.
देश को बांटने का आरोप
कांग्रेस नेता कालीचरण मुंडा ने कहा कि धर्मांधता-रूढ़िवादिता का अंधकार फैलाया जा रहा है. अल्पसंख्यक वर्गों खास तौर से मुस्लिम, ईसाइयों व सिखों को निशाना बनाया जा रहा है. समाज में विभाजन के बीज बोकर व तुष्टिकरण की राजनीति को आधार बनाकर भाजपा चुनावी जीत तलाशती है. चुनाव में अब तरक्की विकास, सड़क, स्कूल, शिक्षा, अस्पताल, उद्योग, रोजगार, खेती के मुद्दे नहीं रह गए हैं. भाजपा प्रायोजित मुद्दे हैं श्मशान, कब्रिस्तान, बुलडोजर, लाउडस्पीकर, मंदिर बनाम मस्जिद,गिरजाघर बनाम गुरुद्वारा, सड़कों के नाम बदलना, खाने-पहनने के नाम पर समाज का बंटवारा इत्यादि. उन्होंने कहा कि क्या भविष्य के भारत का निर्माण धार्मिक, जातिगत व आर्थिक बंटवारे पर होगा. क्या यह गांधी-नेहरू-पटेल बोस- तिलक अंबेडकर मौलाना आज़ाद- राजेंद्र प्रसाद भगत सिंह, बिस्मिल अश्फाक जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत है.
झारखंड के साथ छलावा
कांग्रेस नेता कालीचरण मुंडा ने कहा कि राज्यों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी गैर भाजपा सरकारों को अपदस्थ करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. देश में बढ़ती आर्थिक असमानता के चलते 142 सबसे बड़े अमीरों की संपत्ति तो एक साल में 30 लाख करोड़ बढ़ गई, पर देश के 84 प्रतिशत घरों की आय घट गई. 15 लाख हर खाते में आना तो दूर, बचत का पैसा भी लुट गया. मोदी सरकार हर रोज 4,000 करोड़ का कर्ज लेती है. 2 करोड़ रोज़गार हर साल देना तो दूर, करोड़ों रोज़गार चले गए हैं. किसान व खेती को प्राइवेट कंपनियों को सौंपने का षड्यंत्र जारी है. पहली बार खेती उपकरणों पर जीएसटी लगाया गया. खाद हो, ट्रैक्टर व खेती के उपकरण हों, कीटनाशक दवाई हो. पिछले आठ वर्षों में झारखंड के साथ सिर्फ उपेक्षात्मक रवैया रखते हुए झारखंड में कभी डबल इंजन की सरकार के नाम पर तो कभी घोषणाओं के नाम पर सिर्फ और सिर्फ विश्वासघात हुआ है.
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सरना धर्म कोड का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में
श्री मुंडा कहा कि झारखंड का केंद्र सरकार पर करीब 1.36 लाख करोड़ बकाया है. इस पर राज्य का अधिकार है. एक तरफ झारखंड को लेकर संवेदनशील होने का दावा किया जाता है पर राज्य ने केंद्र को हो, मुंडारी, कुडुख को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था, सरना धर्म कोड का प्रस्ताव भेजा था, आज तक इसका भी समाधान नहीं हो पाया. क्या यही संवेदनशील रवैया है. वैश्विक महामारी के काल में भी राज्य को सहयोग के बजाय उपेक्षित रखने की हर मुमकिन कोशिश की गयी. डीवीसी के बकाया को केंद्र के द्वारा मिलने वाली राशि से कटौती कर आवंटन देना इसका स्पष्ट प्रमाण है. मौके पर विशाल डुंगडुंग, जमिल अंसारी, तौसीफ आलम, कृष्णा उरांव, अकरम सलमान, मुशर्रफ रजा, परवेज सिद्दकी, इसराफिल अंसारी, मदन प्रसाद, ईमान उरांव आदि मौजूद थे.
रिपोर्ट : गोपी कुंवर