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DeepFake पर एक्शन मोड में मोदी सरकार, सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स को दी ऐसी चेतावनी

modi govt concern on deepfake - वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने को डीपफेक कहते हैं. मशीन लर्निंग और कृत्रिम मेधा (एआई) से बने ये वीडियो किसी को भी आसानी से धोखा दे सकते हैं.

AI का गलत इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर DeepFake वीडियो शेयर किये जा रहे हैं. इस मुद्दे पर केंद्र सरकार एक्शन मोड है और सभी प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों को सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते दिन कहा कि सरकारी अधिकारियों और प्रमुख सोशल मीडिया प्लैटफाॅर्म्स के बीच एक मीटिंग अगले दो-चार दिनों में होगी.

डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों से चर्चा करेगी सरकार

डीपफेक मुद्दे पर बढ़ती चिंताओं के बीच सरकार ने सोशल मीडिया मंचों से इस मुद्दे पर मिलने की पूरी तैयारी कर ली है. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार जल्द ही डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों से चर्चा करेगी और अगर मंचों ने इस संबंध में पर्याप्त कदम नहीं उठाए तो उन्हें आईटी अधिनियम के सेफ हार्बर प्रतिरक्षा खंड के तहत संरक्षण नहीं मिलेगा.

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नोटिस जारी कर चुकी है सरकार

वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने को डीपफेक कहते हैं. मशीन लर्निंग और कृत्रिम मेधा (एआई) से बने ये वीडियो किसी को भी आसानी से धोखा दे सकते हैं. वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने हाल ही में डीपफेक मुद्दे पर कंपनियों को नोटिस जारी किया था और प्लैटफार्मों ने जवाब भी दिया. उन्होंने कहा कि लेकिन कंपनियों को ऐसी सामग्री पर कार्रवाई करने में अधिक आक्रामक होना होगा.

सोशल मीडिया में डीपफेक रोकने की कोशिश

अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, वे कदम उठा रहे हैं… लेकिन हमें लगता है कि कई और कदम उठाने होंगे. …और हम बहुत जल्द… शायद अगले 3-4 दिनों में सभी मंचों की एक बैठक करने जा रहे हैं. हम उन्हें इस पर विचार-मंथन के लिए बुलाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि मंच इसे (डीपफेक) रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास करें और अपने तंत्र को साफ करें.

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आईटी अधिनियम के तहत नियमों का हवाला

केंद्रीय मंत्री ने इस बैठक के लिए मेटा और गूगल जैसे बड़े मंचों को भी बुलाये जाने की बात करते हुए कहा कि आईटी अधिनियम के तहत मंचों को वर्तमान में जो सुरक्षित हार्बर प्रतिरक्षा प्राप्त है, वह तब तक लागू नहीं होगी जब तक वे पर्याप्त कार्रवाई नहीं करते.

पीएम मोदी भी कर चुके हैं आगाह

बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगाह किया था कि कृत्रिम मेधा (एआई) द्वारा बनाये गए डीपफेक बड़े संकट का कारण बन सकते हैं और समाज में असंतोष पैदा कर सकते हैं. उन्होंने मीडिया से इसके दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने का आग्रह किया. हाल ही में प्रमुख अभिनेताओं को निशाना बनाने वाले कई डीपफेक वीडियो वायरल हुए, जिनसे आक्रोश फैल गया.

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आईटी राज्य मंत्री ने डीपफेक काे बताया बड़ा उल्लंघन

भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते केंद्र ने प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों को गलत सूचना, डीपफेक और नियमों का उल्लंघन करने वाली अन्य सामग्री की पहचान करने और रिपोर्ट किये जाने के 36 घंटे के भीतर उन्हें हटाने के लिए एक सलाह जारी की थी. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि डीपफेक एक बड़ा उल्लंघन है और विशेष रूप से महिलाओं को नुकसान पहुंचाता है.

ऐपल वाले मामले की चल रही है जांच

ऐपल से जुड़े खतरे की अधिसूचना के मुद्दे संबंधी प्रश्न पर वैष्णव ने कहा कि ऐपल अपनी जांच कर रही है और सीईआरटी-इन (सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी) भी इसकी जांच कर रही है. लगभग 15 दिन पहले विपक्ष के कई नेताओं ने दावा किया था कि उन्हें ऐपल से एक अलर्ट मिला है, जिसमें उन्हें चेतावनी दी गई है कि राज्य-प्रायोजित हमलावर उनके आईफाेन के साथ दूर से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं और सरकार द्वारा कथित तौर पर हैकिंग की गई है. वैष्णव ने इस आरोप को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए गहन जांच का आश्वासन दिया था.

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