Mokshada Ekadashi 2022: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मोक्षदा एकादशी (Mokshda Ekadashi 2022) मनाई जाएगी. इस बार मोक्षदा एकादशी 4 दिसंबर की पड़ रही है. इस दिन ही गीता जयंती (Geet Jayanti 2022) भी मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा अर्चना करने से मन को शांति मिलती है और धन, यश और वैभव में वृद्धि होती है. हालांकि इस दिन कुछ विशेष कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए. चलिए जानते हैं कि मोहिनी एकादशी के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए….
मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से एक दिन पहले से ही प्याज, लहसुन, मसूर की दाल, बैंगन, जौ आदि का सेवन न करें.
शास्त्रीय मान्यता के अनुसार, किसी व्रत के दौरान मन, कर्म और वचन की शुद्धता का पूरा ख्याल रखा जाता है. ऐसे में व्रत के दौरान किसी को भी ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए जिससे कि उसे किसी प्रकार का नुकसान पहुंचे. मोक्षदा एकादशी व्रत में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है.
एकादशी व्रत की मान्यता के अनुसार, मोक्षदा एकादशी व्रत के दिन बाल, दाढ़ी और नाखून काटने से बचना चाहिए और इस दिन झाड़ू का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
बता दें कि एकादशी के दिन फूल, पत्ते आदि नहीं तोड़ने चाहिए. ऐसी स्थिति में फूल और तुलसी के पत्तों को पहले ही तोड़कर रख लें.
एकादशी के दिन अपने क्रोध को शांत रखना चाहिए. साथ ही इस दिन किसी से भी झूठ नहीं बोलना चाहिए. इसके अलावा इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और दिन में सोना नहीं चाहिए.
मोक्षदा एकादशी में व्रत का पारण भी नियमपूर्वक करना बहुत जरूरी है. सही पारण के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है. एकादशी से अगले दिन भगवान विष्णु की पूजा और दान के बाद व्रत पारण कर लें.
एकादशी के दिन किसी को कटु शब्द नहीं कहना चाहिए. इसके अलावा इस दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा भी नहीं करना चाहिए
एकादशी व्रत की मान्यता के अनुसार, मोक्षदा एकादशी व्रत के दिन बाल, दाढ़ी और नाखून काटने से बचना चाहिए और इस दिन झाड़ू का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.