PHOTOS: मोक्षदा एकादशी व्रत 22 दिसंबर को, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कथा
Mokshada Ekadashi 2023: आइए जानते हैं कब है मोक्षदा एकादशी, शुभ मुहूर्त, कथा और पूजा विधि के बारे में विस्तार से.
Mokshada Ekadashi 2023: मोक्षदा एकादशी की तारीख को लेकर अगर आप परेशान हैं तो हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे. इसके अलावा यह भी बताएंगे की मोक्षदा एकादशी की शुभ मुहूर्त, कथा और पूजा विधि के बारे में, आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी क्या है.
मोक्षदा एकादशी क्या हैदरअसल मोक्षदा एकादशी व्रत मोक्ष प्राप्ति के लिए लिए रखी जाती है. यह व्रत मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में है. मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी व्यक्ति को सांसारिक मोह के बंधन से मुक्ति और पितरों को मोक्ष दिलाती है.
इस बार 2023 में मोक्षदा एकादशी 22 दिसंबर को है. इसके साथ ही इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है.
मोक्षदा एकादशी कथा (Mokshada Ekadashi Katha)पौराणिक कथा के अनुसार, गोकुल नगर में वैखानस नामक राजा का शासन था. एक दिन वह सपने में देखा कि उसके पिता नरक में हैं और कष्ट भोग रहे हैं. सुबह होते ही उसने अपने दरबार में विद्वानों को बुलाया और उनसे अपने स्वप्न के बारे में बताया. राजा ने बताया कि उसके पिता ने कहा कि वे नरक में पड़े हुए हैं. वे यहां पर नाना प्रकार के कष्ट सहन कर रहे हैं. तुम नरक के कष्टों से मुझे मुक्ति दिलाओ.
राजा ने कहा कि उसने जब से यह स्वप्न देखा है तब से बड़ा ही परेशान और चिंतित है. राजा ने सभी विद्वानों से कहा कि आप सभी इस समस्या का कोई उपाय बताएं, जिससे वह अपने पिता को नरक के कष्टों से मुक्ति दिला सके. यदि पुत्र अपने पिता को ऐसी स्थिति से मुक्ति नहीं दिला सकता है तो फिर उसका जीवन व्यर्थ है. एक उत्तम पुत्र ही अपने पूर्वजों का उद्धार कर सकता है. राजा की बात सुनने के बाद सभी विद्वानों ने कहा कि यहां से कुछ दूर पर ही पर्वत ऋषि का आश्रम है. वे त्रिकालदर्शी हैं. उनके पास इस समस्या का समाधान अवश्य ही होगा. राजा अगले दिन पर्वत ऋषि के आश्रम में पहुंचे. उन्होंने प्रणाम किया तो पर्वत ऋषि ने आने का कारण पूछा. राजा ने आसन ग्रहण करने के बाद अपनी सारी बात पर्वत ऋषि को बताई.
मोक्षदा एकादशी पूजा विधिमोक्षदा एकादशी (Mokshda Ekadashi 2023) व्रत से एक दिन पूर्व व्रत करने वालों को दशमी तिथि को दोपहर में एक बार भोजन करना चाहिए. ध्यान रहे कि रात्रि में भोजन नहीं करना है.
एकादशी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें.
व्रत का संकल्प लेने के बाद धूप, दीप और नैवेद्य आदि अर्पित करते हुए भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें.
रात्रि में भी पूजा और जागरण करना चाहिए.
एकादशी के अगले दिन द्वादशी को पूजन के बाद जरुरतमंद व्यक्ति को भोजन व दान से विशेष लाभ मिलता है.
मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 27 मिनट से शुरू है और सुबह 11.02 तक है. व्रत पारण समय 23 दिसंबर 2023 को दोपहर 01.22 से दोपहर 03.25 तक ही है.