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तालीम का क्रूर तरीका! बिहार के मौलवी शिक्षक ने मासूमों को बुरी तरह पीटा, सबक बनाकर नहीं लाने पर किया जख्मी

कोचिंग पढ़ने गये दो मासूम बच्चों की एक मौलवी शिक्षक द्वारा बुरी तरह पीट-पीटकर जख्मी कर दिये जाने का मामला सामने आया है. जख्मी अवस्था में पुलिस के निर्देश पर दोनों बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस घटना से ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए आरोपित शिक्षक घर छोड़ फरार हो गये हैं. मामला अकबरपुर बेंक गांव का है. जानकारी के अनुसार यहां गांव के ही कारी मोदस्सिर प्राइवेट कोचिंग चलाते हैं.

कोचिंग पढ़ने गये दो मासूम बच्चों की एक मौलवी शिक्षक द्वारा बुरी तरह पीट-पीटकर जख्मी कर दिये जाने का मामला सामने आया है. जख्मी अवस्था में पुलिस के निर्देश पर दोनों बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस घटना से ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए आरोपित शिक्षक घर छोड़ फरार हो गये हैं. मामला अकबरपुर बेंक गांव का है. जानकारी के अनुसार यहां गांव के ही कारी मोदस्सिर प्राइवेट कोचिंग चलाते हैं.

बताया जाता है कि कोचिंग में एक छात्र व एक छात्रा सबक बनाकर नहीं पहुंचे थे. इससे नाराज शिक्षक ने दोनों को मारते-मारते अधमरा कर दिया. दोनों की हालत ऐसी हो गयी कि परिजनों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. दोनों मासूम वशी अहमद की आठ वर्षीया पुत्री अलीशा व मो. अतीक के 10 वर्षीय पुत्र आशिक बताये गये हैं. घटना रविवार देर शाम करीब साढ़े आठ बजे की है.

शिक्षक द्वारा बेहरमी से पिटाई करने की सूचना मिलते ही परिजन वहां पहुंचे. बच्चों को उठाकर थाना लाये, जहां पुलिस ने दोनों मासूम को पहले इलाज के लिये सीएचसी ले जाने के लिए कहा. परिजन द्वारा दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. स्थिति में सुधार होने पर रात में परिजन उन्हें घर ले आये. इधर शिक्षक के इस करतूत से ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. ग्रामीणों के आक्रोशित होने की भनक मिलते ही मौलवी घर छोड़ फरार हो गये हैं.

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ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक का जब पीटने से मन नहीं भरा तो दोनों को एक कमरे में बंद कर दिया. वहां भी बेरहमी से पीटा. इस दौरान दोनों जमीन पर छटपटाते हुए चिल्लाते रहे, लेकिन मौलवी को उन दोनों पर तरस नहीं आया. बच्चों के चिल्लाने की आवाज सुनकर अगल-बगल के लोग दौड़ पड़े. कमरे का गेट खुलवा दोनों को बाहर निकाला.

मौलवी शिक्षक गांव के ही व्यक्ति के एक दरवाजे पर लगभग तीन वर्ष से प्राइवेट कोचिंग चला रहे हैं. कोविड-19 गाइड लाइन का खुलेआम उल्लंघन कर करीब डेढ़ से दो सौ बच्चे को उर्दू की तालीम देते हैं. इसके एवज में प्रति माह तीन सौ रुपए लेते हैं.

इस घटना से अन्य अभिवावकों को अपने बच्चे को लेकर चिंता सताने लगी है. इस संबंध में सहायक थानाध्यक्ष किशोर कुणाल ने बताया कि रात में जख्मी बच्चे को लेकर परिजन थाना आये थे. उन्हें पहले इलाज के लिए अस्प्ताल भेज दिया गया. इस मामले में कोई आवेदन नहीं मिला है. आवेदन मिलने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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