गत शुक्रवार को कालीघाट स्थित अपने आवास पर मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पार्टी के आला नेताओं के साथ अहम बैठक की थी. बैठक के बाद ही उन्होंने तय किया कि वह हर महीने तीन दिन जिलास्तर पर पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करेंगी. इसकी शुरुआत मुर्शिदाबाद से हुई, जहां सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल उम्मीदवार को करारी हार का सामना करना पड़ा था. इस हार के बाद पार्टी सुप्रीमो खुद डैमेज कंट्रोल में जुट गयी हैं.
रविवार को ममता ने सागरदिघी में हार के बाद और पंचायत चुनाव से ठीक पहले मुर्शिदाबाद के पार्टी नेतृत्व के साथ वर्चुअल बैठक की. उन्होंने सागरदिघी में हार को लेकर कांग्रेस, भाजपा और माकपा तीनों को आड़े हाथ लिया है. ममता ने आरोप लगाया कि राज्य में तृणमूल के खिलाफ अल्पसंख्यकों को गुमराह किया जा रहा है. सागरदिघी उपचुनाव में पैसों का खेल हुआ है. कांग्रेस और उसके नेता अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा व आरएसएस के लिए काम किया है, जिसका समर्थन माकपा ने किया.
सागरदिघी में में तृणमूल को हराने के लिए अनैतिक गठबंधन किया गया था. यह अनैतिक गठबंधन भाजपा, कांग्रेस और माकपा के बीच हुआ. उन्होंने मुर्शिदाबाद में पार्टी के नेताओं से कहा कि 28 मार्च से जिले में जमीन का पट्टा वितरण का काम शुरू हो जायेगा. तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि पूरे जिले में एक साजिश चल रही है. विशेष रूप से अल्पसंख्यकों को गलत समझाया जा रहा है. इसे रोकने के लिए तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं को और सतर्क होना होगा. पार्टी की तमाम कार्यसूची में वक्त देना होगा.
गौरतलब है कि सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई थी, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार बायरन विश्वास की जीत हुई थी. कांग्रेस उम्मीदवार को वाममोर्चा का समर्थन मिला था. इस जीत के बाद राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा कहा जा रहा था कि अल्पसंख्यक समुदाय तृणमूल से दूर हुई है, क्योंकि सागरदिघी में अल्पसंख्यक वोट बैंक काफी मायने रखता है.
सागरदिघी चुनाव में भाजपा के साथ कांग्रेस व वाममोर्चा के हाथ मिलाने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोप पर प्रदेश कांग्रेस अधीर चौधरी ने कहा कि भाजपा के साथ गंठबंधन करके बंगाल में किसने लाया था. यह सभी को पता है. 1998 में पहली बार गंठबंधन करके बंगाल में भाजपा को लोकसभा की पहली सीट दिलाने में उन्होंने सहायता की थी. अब तो भाजपा विरोधी गंठबंधन को कमजोर करने का प्रयास मुख्यमंत्री कर रही हैं. रोजाना उनकी यही कोशिश रहती है.
उनका एक ही लक्ष्य है प्रधानमंत्री मोदी को संतुष्ट करना. अपने परिवार को बचाने के लिए उन्होंने मोदी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. उनके हमले पर हम कुछ प्रतिक्रिया नहीं देते. इतने दिनों तक दीदी के मजबूत स्थान पर हमने चोट पहुंचायी है. इसलिए वह नाराज होकर यह सब कह रही हैं. माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि जिन्होंने सारा जीवन आदर्श का पालन नहीं किया, अब वह हमें आदर्शवाद की शिक्षा देंगी? दरअसल उनकी पार्टी की विभिन्न अनैतिक कार्यों के कारण सागरदिघी के लोगों ने उन्हें वोट नहीं दिया.
32 हजार ऐसे लोगों ने तृणमूल को वोट नहीं दिया, जिन्होंने 2021 में तृणमूल को वोट दिया था. वे तृणमूल से नाराज हैं. इसी वजह से वाम-कांग्रेस गंठबंधन को उन्होंने चुना है. यह स्पष्ट हो गया है. भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिन अल्पसंख्यक वोटों को अपनी संपत्ति माना था, वह हाथों से निकल जाने के कारण ही मुख्यमंत्री विरोधियों पर हमला कर रही हैं. लेकिन सागरदिघी का वोट क्यों दूसरी तरफ चला गया, यह विश्लेषण करने पर तृणमूल नेताओं के काले कारनामे ही सामने आयेंगे. इसलिए इस सच्चाई को मुख्यमंत्री स्वीकार नहीं करना चाहती हैं.