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मानसून की दगाबाजी से सुखाड़ के हालात, अच्छी बारिश के लिए 384 मौजा के सूली राज देवता की दूध से ऐसे हुई पूजा

बताया जाता है की चैनपुर स्टेट के अधीन आने वाले 384 मौजा क्षेत्र के मालिक के रूप में सूली राज बाबा की पूजा होती है. पारंपरिक रूप से हर वर्ष यहां दूध से पूजा होती है. आज रविवार को पूजा के दौरान लोगों ने सुखाड़ की स्थिति खत्म करते हुए खेतों में हरियाली लाने के लिए अच्छी बारिश की कामना की.

रमकंडा (गढ़वा), मुकेश तिवारी: मानसून की दगाबाजी से झारखंड में सुखाड़ के हालात हो गए हैं. बारिश की कामना को लेकर गढ़वा जिले के रमकंडा प्रखंड क्षेत्र के 22 गांवों के लोगों ने रविवार को सूली गांव के पहाड़ पर चैनपुर स्टेट के 384 मौजा के सूली राज देवता की दूधढरी पूजा की. इस दौरान लोगों ने सूली राज बाबा से इलाके में अच्छी बारिश होने की कामना की. पूजा के दौरान रमकंडा अंचल क्षेत्र के चपरी, कसमार, सूली, गोरयाकरम, उदयपुर, नावाडीह, ललहेया सहित अन्य गांवों के बैगा, ग्रामीणों के साथ दूध लेकर पूजा के लिए पहुंचे. यहां मुख्य बैगा राजदेव परहिया ने विधिवत पूजा-अर्चना की. इस क्रम में दर्जनों गांवों से लाये गये दूध से सूली राज बाबा का अभिषेक किया गया. पूजा के दौरान लोगों ने सुखाड़ की स्थिति खत्म करते हुए खेतों में हरियाली लाने के लिए अच्छी बारिश की कामना की.

सावन में हर वर्ष दूधढरी का है विधान

मान्यता के अनुसार अच्छी बारिश की कामना के लिए सावन महीने में हर वर्ष यहां 384 गांवों के लोगों की ओर से दूधढरी पूजा का विधान है. बताया जाता है की चैनपुर स्टेट के अधीन आने वाले 384 मौजा क्षेत्र के मालिक के रूप में सूली राज बाबा की पूजा होती है. पारंपरिक रूप से हर वर्ष यहां पूजा होती है. पूजा के दौरान बैगा बैजनाथ सिंह, जयप्रकाश बैगा, जगनारायण गऊंवा, गोपाल सिंह, ईश्वरी सिंह, सीताराम सिंह, उपेंद्र यादव, बीरेंद्र यादव, नारायण सिंह, हरिनारायण, राजकुमार सिंह, डब्लू सिंह, राजेश मिंज, गोना सिंह, प्यारी राम सहित अन्य लोग उपस्थित थे.

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सभी जाति-धर्म के लोग पूजा में होते हैं शामिल

उल्लेखनीय है कि परंपरागत रूप से होने वाली इस पूजा में सभी जाति-धर्म के लोग पहुंचते हैं. यहां हिन्दू-मुस्लिम सहित अन्य धर्मों के लोग भी इस पूजा में शामिल होते हैं. पूजा में शामिल होने पहुंचे उदयपुर गांव के सहाबुद्दीन अंसारी बताते हैं कि यह गांव की पूजा है. पूजा के बाद अच्छी बारिश होती रही है. यहां सभी जाति-धर्म के लोग पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि वे भी हर वर्ष गांव के साथ इस पूजा में शामिल होने आते हैं.

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पारंपरिक रूप से होती है पूजा, होगी अच्छी बारिश

मुख्य बैगा राजदेव बताते हैं कि परंपरा के अनुसार यहां सावन के महीने में इस पूजा का विधान है. 22 गांवों के लोग यहां दूध लेकर पहुंचते हैं. मान्यता के अनुसार पूजा के बाद क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है. खेत-खलिहान अनाज से भर जाते हैं. उन्होंने बताया कि राजतंत्र व्यवस्था के दौरान चैनपुर स्टेट के 384 मौजा के मालिक के रूप में यहां इनकी पूजा होती है. इसके साथ ही क्षेत्र की खुशहाली के लिए गांव के उदयपुर बाजार में भी इसी दिन पूजा किए जाने की परंपरा है. बताया जाता है कि पूजा रुक जाने या किसी प्रकार की कमी होने पर क्षेत्र में सुखाड़ की आशंका बनी रहती है.

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सुखाड़ के हालात, अच्छी बारिश की कामना को लेकर की पूजा

मानसून की दगाबाजी से किसान परेशान हैं. बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ के हालात पैदा हो गए हैं. यही वजह है कि बारिश की कामना को लेकर लोग पूजा-अर्चना करने लगे हैं. झारखंड में अच्छी बारिश नहीं होने के कारण किसान मायूस हैं. इसी क्रम में गढ़वा जिले के रमकंडा में भी लोगों ने चैनपुर स्टेट के 384 मौजा के मालिक सूली राज देवता की पूजा-अर्चना की और अच्छी बारिश की कामना की. बताया जा रहा है कि हर सावन में ये पूजा की जाती है, ताकि इलाके में अच्छी बारिश से सुख-समृद्धि बनी रहे. पूजा के दौरान रमकंडा अंचल क्षेत्र के चपरी, कसमार, सूली, गोरयाकरम, उदयपुर, नावाडीह, ललहेया सहित अन्य गांवों के बैगा, ग्रामीणों के साथ दूध लेकर पूजा के लिए पहुंचे. इस दौरान मुख्य बैगा राजदेव परहिया ने सूली राज देवता की विधिवत पूजा-अर्चना की. इस क्रम में दर्जनों गांवों से लाये गये दूध से सूली राज बाबा का अभिषेक किया गया.

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