‘मम्मी हमें छोड़ कहां चली गयीं’, धनबाद रेलवे स्टेशन पर मिले बच्चे पूछ रहे सबसे यह सवाल
धनबाद रेलवे स्टेशन से रेस्क्यू किए गये भाई-बहन के सवाल सुनकर लोगों का कलेजा पसीज जा रहा है. दरअसल, भाई-बहन सभी से पूछ रहे हैं कि आखिर मम्मी हमें छोड़ कहां चली गयी...
मम्मी हमें सुला कर कहां चली गयी? यह सवाल धनबाद रेलवे स्टेशन से रेस्क्यू किए गये भाई-बहन सभी से पूछ रहे हैं. उनके सवाल सुन सभी का मन विचलित हो रहा है. बहन की उम्र पांच साल व भाई चार साल का है. मंगलवार इन दोनों को रेलवे चाइल्ड लाइन ने बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया. उनकी उम्र को देखते हुए समिति ने अभी दोनों को एक साथ ही रखने का निर्णय लिया है. फिलहाल उन्हें तपोवन कॉलोनी स्थित सेल्टर हाउस होप होम में रखा गया है. बच्ची बताती है कि उन्हें उनकी मां सोनी देवी रांची से सोमवार को धनबाद स्टेशन लेकर आयी थी. वह स्टेशन पर सीढ़ी के पास दोनों को सुलाकर कहीं चली गयी. दोनों उसका वहीं इंतजार कर रहे थे, लेकिन मम्मी नहीं आयी. इस संबंध धनबाद जीआरपी थाना प्रभारी अमरजीत प्रसाद ने बताया कि दोनों बच्चे प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर सीढ़ी पर रोते हुए मिले थे. उन्हें चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया है.
घर का पता बालुमाथ बता रहे हैं बच्चे
बच्ची ने बताया कि दो वर्ष पर उसके पिता सोम उरांव का निधन हो गया था. मां सोनी देवी दूसरों के घरों में चौका बरतन कर उन लोगों का लालन-पालन कर रही थी. उसके दादा और चाचा बालुमाथ में रहते हैं. वह अपने दादा व चाचा का नाम भी बता रही है. इस संबंध में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी बताते हैं कि पहले उनकी मां और दादा से संपर्क किया जाएगा.
12 दिनों के बाद भी स्टेशन के बाहर से गायब बच्ची का नहीं चला पता
धनबाद स्टेशन के समीप स्थिति मंदिर के पीछे से गायब हुई बच्ची को 12वें दिन मंगलवार को भी कोई पता नहीं चल पाया है. रेलवे पुलिस की टीम उसके पहले पिता इरफान को खोज रही है. ताकि उससे पूछताछ कर बच्ची का पता लगाया जा सके, लेकिन वह जिले से बाहर है. बच्ची की खोज में उसके दूसरे पिता कन्हैया पासवान व मां रोशनी लगी है.
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ज्ञात हो कि दो फरवरी की सुबह करीब 9.30 बजे हिल कॉलोनी निवासी रोशनी देवी की तीन साल की बच्ची काजल को कोई लेकर भाग गया है. वह स्टेशन के समीप स्थित मंदिर के पीछे सोयी थी, तभी यह घटना घटी थी. रोशनी ने मोहन यादव के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. रोशनी का कहना है कि एक फरवरी को माेहन उसके पास आया था. उसने 40 हजार रुपये में बच्ची को खरीदने की बात कही थी. लेकिन उसने मना कर दिया था. इसके बाद दो फरवरी को मोहन उसकी बच्ची को चुरा ले गया. मामले में सीडब्ल्यूसी ने भी रेल थाना से जानकारी ली है. लेकिन 12 दिन बीतने के बाद भी बच्ची को बरामद नहीं किया जा सका है.