लातेहार : दो दिव्यांग बच्चों को पाल रही है मां, नहीं मिल रही सरकारी सुविधा, कट जा रहे विधवा पेंशन के भी पैसे
लातेहार के एक गांव में एक मां दो दिव्यांग बच्चों पाल रही है, दिव्यांगों के लिए मिलने वाली सरकारी सुविधा भी उन्हें नहीं मिल रही है. विधवा पेंशन भी मिलती है तो वह पैसे भी बैंक में कृषि के एवज में काट लिए जाते हैं. इस मां ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
महुआडांड़ (लातेहार), वसीम अख्तर : धरती पर मां ईश्वर का ही रूप होती है, जो किसी स्थिति में अपने संतानों का पालन-पोषण करती है, चाहे जितनी भी परेशानियां क्यों ना हो, वह अपने बच्चों का साथ कभी नहीं छोड़ती. लातेहार जिला के महुआडाड़ में एक ऐसी ही मां तारा देवी अपने दो दिव्यांग बच्चों को पाल रही हैं. दिव्यांगों के लिए मिलने वाली सरकारी मदद भी उन्हें नहीं मिल रही है. मामला महुआडाड़ प्रखंड के रेगांई पंचायत के जोरी गांव का है.
विधवा पेंशन भी बैंक में काट लिए जाते हैं
जोरी गांव की तारा देवी के दो बच्चे हैं, एक 12 साल का पंकज कुमार और दूसरी 7 साल की कनिका कुमारी. दोनों बच्चे मानसिक रूप से बीमार हैं. चार साल पहले इनके पिता की मौत हो चुकी है. तारा देवी बताती हैं कि, दिव्यांग जनों को मिलने वाली सरकारी सहायता इन बच्चों को नहीं मिल रही है. वहीं सरकारी सहायता के रूप में तारा देवी का विधवा पेंशन चालू तो किया गया, लेकिन वह राशि कृषि ऋण के एवज में काट लिए जाते हैं.
तारा देवी ने जिला प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
दरअसल, मरने से पहले तारा के पति ने कृषि ऋण लिया था. पति की बीमारी में पैसे खर्च हो जाने के कारण पूर्वजों की जमीन भी गिरवी पड़ी है, उन्हीं जमीनों पर खेती कर उपज के आधे हिस्से से वह किसी तरह घर चला रही है. तारा देवी ने प्रखंड व जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनके बच्चों को सरकारी प्रावधान के अनुसार मिलने वाली सहायता प्रदान की जाए, ताकि बच्चों का ठीक तरीके से पालन पोषण हो सके.
रेगांई पंचायत में अन्य दिव्यांगों की भी यही हालत
रेगांई पंचायत के ही केनाटोली गांव का दीलिप बाड़ा भी मानसिक दिव्यांग है, मां दिनभर उसे रस्सी से बांधकर रखती है. दिलीप बाड़ा का एक 8 वर्षीय पुत्र एलन बाड़ा भी विकलांगता के कारण चल नहीं सकता. उसकी सुरक्षा को लेकर बच्चे की मां दिलीप बाड़ा को दिनभर रस्सी से बांधकर रखती है. इन्होंने भी जिला प्रशासन से सरकारी प्रावधानों के अनुसार विकलांगों को मिलने वाली सहायता दिलाने की मांग की है.