Moti Jharna Waterfall: झारखंड के इस झरने में विराजते हैं भगवान शंकर, जानें मोती झरना वाटरफॉल के बारे में
Moti Jharna Waterfall: मोती झरना अपने किसी भी आगंतुक को लुभाने में कभी असफल नहीं हुआ है. राज्य के सबसे सुंदर स्थानों में से एक, यह एक रमणीय दृश्य है. यहां, पानी एक छोटी पहाड़ी धारा के ऊपर से गिरता है और लगभग 50 से 60 फीट ऊंची दो चट्टानों पर गिरता है.
Moti Jharna Waterfall: तालझारी प्रखंड के महाराजपुर मोती झरना पहाड़ की एक गुफा में स्थित है भगवान भोले शंकर की शिवलिंग. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पहाड़ की विशाल चटटानों के बीच बने गुफा में विराजते हैं भगवान शंकर. यहाँ का दृश्य मनोरम है. साथ हीं झरने से गिरता पानी की बुँदे मन को लुभाता है. ऊँचे ऊँचें पहाड़ और झरने के आसपास लगे केले के पत्ते और आसपास की हरियाली इस जलप्रपात की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं. यह प्रपात राजमहल क्षेत्र में अजय नदी पर स्थित है. इस प्रपात की ऊंचाई 150 फ़ीट है.
मोती झरना है खास
मोती झरना अपने किसी भी आगंतुक को लुभाने में कभी असफल नहीं हुआ है. राज्य के सबसे सुंदर स्थानों में से एक, यह एक रमणीय दृश्य है. यहां, पानी एक छोटी पहाड़ी धारा के ऊपर से गिरता है और लगभग 50 से 60 फीट ऊंची दो चट्टानों पर गिरता है. यह झरना महाराजपुर के पास स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है और गर्म दिनों में पिकनिक स्थल के रूप में कार्य करता है. ऐसा माना जाता है कि राजमहल पहाड़ियों में अपने स्रोत के साथ एक प्राकृतिक जलधारा शांत रूप से बहती है जिससे मोती झरना देखने लायक होता है.
मोती झरना क्यों है खास
इस स्थल को ऐसे तो पर्यटक विभाग द्वारा पर्यटक स्थल की संज्ञा काफी पहले दी गई है. परंतु यहां पर श्रद्धालुओं के लिए जो सुविधाएं उपलब्ध है वह लोगों को मुंह चिढ़ाने के लिये काफी है. प्रखंड की ओर से तीन वर्ष पूर्व मोती झरना तक जाने के लिए एक सड़क का निर्माण किया गया था पर उसी साल वर्षा की पानी में बह गया जिसे आज तक मरम्मत करने की आवश्यकता किसी को नहीं जान पड़ी. इसके अलावा यहां पर एक विश्रामालय तो है पर छोटे होने के कारण श्रद्धालु के उपयोग से दूर ही रह जाते हैं.
मोती झरना कैसे जाएँ
झरना तक जाने के लिए सड़के अच्छी है आप आसानी से अपने दो या चार पहिये वाहनों यह ऑटो के माध्यम से जा सकते हैं
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निकटतम बस स्टैंड – तालझारी बस स्टैंड
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निकटतम रेलवे स्टेशन – महाराजपुर रेलवे स्टेशन यह 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
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निकटतम हवाई अड्डा – हवाई अड्डा रांची हवाई अड्डा और पटना हवाई अड्डा
झारखंड के अन्य डैम
मसानजोर डैम
झारखंड के दुमका जिले में स्थित मसानजोर डैम मयूराक्षी नदी के तट पर बना हुआ है. सुंदरता की श्रंखला पर यह डैम सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है .इस डैम के नजारे का लुफ्त उठाने दूर दूर से पर्यटक यहां साल भर आते रहते है . इसकी ऊंचाई लगभग 47.25 मी और लंबाई 661.58 मी मापी गई है . यह जलाशय करीबन 67.4 वर्ग किमी में फैला हुआ है.इस डैम को लोग कनाडा डैम के नाम से भी जानते हैं.
मैथन डैम
धनबाद जिले से 48 किमी दूर पर स्थित मैथन डैम धनबाद को अलग ही छवि प्रदान करती है . मैथन डैम कई वर्षों से पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है .इस डैम की ऊंचाई 165 फीट और लंबाई 15,712 फीट मापी गई है . मैथन डैम बराकर नदी के तट पर स्थित है. यहां पर कई पिकनिक स्पॉट भी अवस्थित है. नव वर्ष में यहां पिकनिक मनाने के लिए सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ती है. यहां पर बोटिंग की भी सुविधा उपलब्ध है.
तिलैया डैम
तिलैया डैम झारखंड के कोडरमा जिले में बराकर नदी पर स्थित है . यह डैम काफी सुंदर है और मनमोहक है . तिलैया डैम की ऊंचाई लगभग 99 फीट और लंबाई 1201 फीट है . लोग अपने छुट्टियों में यहां घूमना बेहद पसंद करते हैं .
पतरातु डैम
झारखंड की राजधानी रांची से 40 किमी की दूरी पर स्थित पतरातु डैम को नलकरी के जल संरक्षण से बनाया गया है . पर्यटकों के आकर्षण का पात्र बने इस डैम का सौंदर्यीकरण कुछ इस ढंग से किया गया है कि मानो यह पर्यटकों का मन मोहने में जरा भी पीछे नहीं हटता . सूर्यास्त के समय का वो दृश्य सभी का में मोह लेता है . उस क्षण को सभी अपने पास कैमरे में कैद करने की कोशिश करते हैं.
कांके डैम
रांची के गोंदा हिल्स की निचले भाग में स्थित कांके डैम रांची की सबसे सुंदर पर्यटक स्थलों में से एक है . बोटिंग के साथ साथ साथ पर्यटक यहां पिकनिक का भी लुफ्त उठाते हैं. शाम के वक्त की दृश्य काफी मनमोहक होती है . सूर्य की लालिमा पूरे बादल को लाल कर देती है जो कि काफी आकर्षित होता है . धीरे धीरे डूबता हुआ सूर्य प्रेमी जोड़ों को और भी रोमांचित करता है.