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अमर्त्य सेन के लिये विश्व भारती के कुलपति के खिलाफ उपराष्ट्रपति से इस्तीफा की मांग : सांसद समीरूल इस्लाम

पश्चिम बंगाल से मजदूर दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं. इसी तरह दूसरे राज्यों से भी मजदूर इस राज्य में आते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में बीरभूम के सदाईपुर में दो प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई.

बीरभूम, मुकेश तिवारी : नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के पक्ष में विश्व भारती के कुलपति के खिलाफ उपराष्ट्रपति से इस्तीफा मांगेंगे तृणमूल के राज्य सभा हेतु नामांकित सांसद समीरूल इस्लाम . समीरुल इस्लाम ने कहा की उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से विश्व भारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती का इस्तीफा मांगेंगे. तृणमूल ने उन्हें राज्यसभा सांसद पद के लिए नामांकित किया है. इसके अलावा, कुलपति बार-बार नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को क्यों बदनाम कर रहे हैं ? प्रोफेसर और सांसद यह सवाल उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से भी उठाएंगे.

राज्य के प्रवासी श्रमिकों को वापस कैसे लाया जाए इस पर भी चर्चा

इस मुद्दे पर भी गौर करेंगे कि राज्य के प्रवासी श्रमिकों को वापस कैसे लाया जाए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है. समीरुल इस्लाम ने भी पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. बताया जाता है की तृणमूल ने हाल ही में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर समीरुल इस्लाम को राज्यसभा सांसद के रूप में नामित किया है. वे अगस्त में शपथ लेंगे .

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समीरुल इस्लाम पहली बार आये थे शांतिनिकेतन

बीरभूम के रहने वाले समीरुल इस्लाम राज्यसभा सदस्य मनोनीत होने के बाद पहली बार शांतिनिकेतन आये थे. इस दिन उन्होंने पत्रकारों से कहा, मैं इस मामले को राज्यसभा में उठाऊंगा. विश्व भारती के कुलपति अमर्त्य सेन का अपमान कर रहे हैं. मैं राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को भी सूचित करूंगा. देश और विश्व के गौरव की जगह है विश्व भारती. कुलपति विद्युत चक्रवर्ती उन्हें कलंकित कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपति विश्व भारती के साथ अन्याय कर रहे हैं.

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प्रवासी मजदूरों की समस्या सिर्फ बंगाल में है यह गलत व्याख्या

आम लोगों और स्थानीय व्यापारियों के प्रति उनका व्यवहार भी अस्वीकार्य है. समीरुल के शब्दों में, ”उनके (उपकुलपति) के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है .” प्रवासी श्रमिकों के बारे में समीरुल ने कहा, यह समस्या आजादी से पहले की है. यह आजादी के बाद या हाल का मामला नहीं है. पश्चिम बंगाल से मजदूर दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं. इसी तरह दूसरे राज्यों से भी मजदूर इस राज्य में आते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में बीरभूम के सदाईपुर में दो प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई. वे उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे. उन्होंने कोविड काल का जिक्र करते हुए कहा, बंगाल ही नहीं, हमने कोविड काल में अलग-अलग राज्यों में प्रवासी मजदूरों की हालत देखी है. प्रवासी मजदूरों की समस्या सिर्फ बंगाल में है. यह गलत व्याख्या है.

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प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड के गठन को मुख्यमंत्री के कदम को बोर्ड के अध्यक्ष एक सकारात्मक भूमिका के रूप में देखते हैं. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने पूरे मामले को महसूस किया और प्रवासी श्रमिकों के लिए कल्याण बोर्ड का गठन किया है. यह भारत में पहला है. राज्य के कई मजदूर दूसरे राज्यों में जाने से खतरे में हैं. इस बोर्ड के जरिए उन प्रवासी मजदूरों के मामले को देखा जाएगा. प्रवासी श्रमिकों को प्रशिक्षण या ऋण के माध्यम से नौकरी के अवसर दिए जाएंगे. प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड उन्हें राज्य में वापस लाने का प्रयास करेगा.

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