Muharram 2022 Date: इस्लामिक कैलेण्डर के अनुसार इस्लामिक न्यू ईयर की शुरुआत 30 जुलाई से हो चुकी है. मुस्लिमों का पहला महीना मुहर्रम होता है. इसे मुस्लिम लोग गम के महीने के रूप में मनाते हैं. इस महीने के दसवें दिन को मुहर्रम के रूप में मनाया जाता है. इस बार मुहर्रम का त्योहार आज यानी 9 अगस्त को मनाया जाएगा. आपको बता दें इस्लाम का हर त्योहार चांद देखने के बाद ही मनाया जाता है.
भारत में मुहर्रम का प्रारंभ 31 जुलाई को हुआ था, इसलिए आशूरा 09 अगस्त दिन मंगलवार को है. पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी आशूरा 09 अगस्त को ही है.
इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, करीब 1400 साल पहले अशुरा के दिन इमाम हुसैन का कर्बला की लड़ाई में सिर कलम कर दिया था और उनकी याद में इस दिन जुलूस और ताजिया निकालने की रिवायत है. अशुरा के दिन तैमूरी रिवायत को मानने वाले मुसलमान रोजा-नमाज के साथ इस दिन ताजियों-अखाड़ों को दफन या ठंडा कर शोक मनाते हैं.
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार पैगंबर मोहम्मद साहब के पोते हजरत इमाम हुसैन और बादशाह यजीद की सेना के बीच जंग हुई थी. जंग में बादशाह यजीद की सेना द्वारा हजरत इमाम हुसैन और उनके परिवरा को उनके सेनाओं के साथ शहीद कर दिया गया था. मान्यताओं के मुताबिक मुहर्रम के महीने में दसवें दिन ही इस्लाम की रक्षा के लिए हजरत इमाम हुसैन ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी. इसलिए हर वर्ष मुहर्रम महीने के 10वें दिन मुहर्रम मनाया जाता है.
मुहर्रम का पूरा महीना रहमत वाला होता है. इस महीने की शुरुआत से ही लोग अपने-अपने इलाकों में तजिया बनाने का काम करते हैं. मुहर्रम के एक दिन पहले लोग तजिया को चबूतरा पर रख देते हैं और अगले दिन सुबह तजिया जुलूस निकालते हैं. साथ ही इस दिन क्षेत्र में होने वाले मेलों में तजिया सम्मेलन कराते हैं.
आशूरा के दिन इस्लाम धर्म में शिया समुदाय के लोग ताजिया निकालते हैं और मातम मनाते हैं. इराक में हजरत इमाम हुसैन का मकबरा है, उसी मकबरे की तरह का ताजिया बनाया जाता है और जुलूस निकाला जाता है.