Muharram 2022: झारखंड में मुहर्रम के पहलाम पर निकला ताजिया जुलूस, युवाओं ने दिखाए लाठी-डंडे के करतब
Muharram 2022: झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ में दो साल बाद मुहर्रम का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. लुरगुमी समेत अन्य गांवों में मुहर्रम के पहलाम पर ताजिया जुलूस भी निकाला गया. मंगलवार को त्योहार को लेकर प्रखंड के शाहपुर, ओरसा, कापू, हामी, मायापुर गांवों के इमामबाड़े से पहलाम का जुलूस निकला.
Muharram 2022: झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में दो साल बाद मुहर्रम का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. लुरगुमी समेत अन्य गांवों में मुहर्रम के पहलाम पर ताजिया जुलूस भी निकाला गया. मंगलवार को त्योहार को लेकर प्रखंड के शाहपुर, ओरसा, कापू , हामी, मायापुर गांवों के इमामबाड़े से पहलाम का जुलूस निकला. डीपाटोली, गुरगुटोली, अंम्वाटोली, जरहाटोली, आजाद बस्ती से सुबह 6 बजे जुलूस निकला, जो बाजार के विभिन्न मार्गों से होकर 11 बजे फिर इमामबाड़ों में लौटा. इस दौरान जुलूस में या हुसैन, या हुसैन के नारे लगते रहे. जूलूस में शामिल युवाओं ने जगह-जगह पर लाठी-डंडे से करतब भी दिखाए.
10 अगस्त को विशाल जुलूस
10 अगस्त को विशाल जुलूस प्रखंड मुख्यालय में निकाला जाएगा. जिला परिषद बस स्टैंड में लाठी-डंडे, करतब खेल प्रतियोगिता आयोजित किया जाएगा. मुहर्रम कमिटी महुआडांड़ के बैनर तले कार्यक्रम का आयोजन होगा. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह होंगे. इसे लेकर मुहर्रम कमिटी ने तैयारी कर ली है. दरअसल कोरोना को लेकर पिछले दो साल से मुहर्रम जुलूस नहीं निकाला जा रहा था. इस बार सभी जगह पहलाम जुलूस को लेकर अच्छी तैयारी की गई थी. सुरक्षा को लेकर महुआडांड़ डीएसपी राजेश कुजूर के नेतृत्व में थाना प्रभारी आशुतोष यादव एवं पुलिस बल मौजूद थे.
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क्यों मनाते हैं मुहर्रम
मुहर्रम गम और मातम का महीना है. इसे इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग मनाते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, मुहर्रम इस्लाम धर्म का पहला महीना होता है. यानी मुहर्रम इस्लाम के नए साल या हिजरी सन् का शुरुआती महीना है. मुहर्रम बकरीद के पर्व के 20 दिनों के बाद मनाया जाता है. इस बार मुहर्रम का महीना 31 जुलाई से शुरू हुआ था. 9 अगस्त को पहलाम मनाया गया. इस्लाम धर्म के लोगों के लिए ये महीना बहुत अहम होता है क्योंकि इसी महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे. उनकी शहादत की याद में मुहर्रम मनाया जाता है.
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रिपोर्ट : वसीम अख्तर, महुआडांड़, लातेहार