बरेली में कड़ी सुरक्षा के बीच निकलें मुहर्रम के जुलूस, या हुसैन की गूंजी सदाएं
बरेली में मुहर्रम की दस तारीख यानी आशूरा पर हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में तख्त, ताजियों, और अलम का जुलूस गमजदा माहौल में निकाला गया.
Bareilly : उत्तर प्रदेश के बरेली में मुहर्रम की दस तारीख यानी आशूरा पर हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में तख्त, ताजियों, और अलम का जुलूस गमजदा माहौल में निकाला गया. शहर के रामपुर रोड पर स्थित स्वालेनगर शिया कर्बला में शिया मुसलमानों ने छूरियों का मातम कर गम मनाया. यह सभी लोग काले कपड़ों में थे. इसके साथ ही शहर, और देहात में सुन्नी मुसलमान तख्त, ताजिए, और अलम का जुलूस निकाला. यह सभी तख्त, ताजियों के साथ बाकरगंज और गांव-कस्बों के पास स्थित कर्बला पहुंचे. इसके बाद कर्बला में ताजियों को सुपुर्द ए ख़ाक किया गया.
उलेमा ने बताई कर्बला की फजीलत
शहर के बाकरगंज, और देहात के गांव-कस्बों के पास स्थित कर्बला में मेले लगे. यहां बच्चों ने जमकर खरीदारी की.इसके साथ ही हलवा पराठे की भी लोगों ने जमकर खरीदारी की है. मुहर्रम पर अकीदतमंदों ने घरों में कुरान ख्बानी और मिलाद शरीफ कराई. इसके साथ ही जलसों का आयोजन किया गया. इसमें उलमा ने मुहर्रम और ईराक की कर्बला की जानकारी दी. उन्होंने हजरत इमाम हुसैन की शहादत के बारे में विस्तार से बताया. इसके बाद दुआ की गईं.
संवेदनशील इलाकों में भारी फोर्स तैनात
शहर के जोगी नवादा से लेकर बाकरगंज तक में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात किया गया था. जिससे किसी तरह की खुराफात न हो सके. पुलिस के साथ ही पैरा मिलिट्री फोर्स लगाई गई थी. इसके साथ ही बॉडी वार्न कैमरे और विडियो ग्राफी भी कराई गई.
मिनी बाईपास तिराहा पर कांबड़ियों का हंगामा
सावन के सोमवार को लेकर कांवड़िए भी कछला घाट पर जल लेने जा रहे थे. मगर, पुलिस ने मुहर्रम के जुलूस को लेकर मिनी बाईपास से किला रोड बंद कर दिया था. जिसके चलते मिलक नवदिया से जल लेने जाने वाले कांवड़ियों को मिनी बाईपास से प्रेमनगर लाला फाटक से निकालने की कोशिश की गई. मगर, वह नहीं माने. उन्होंने मिनी बाईपास पर हंगामा शुरू कर दिया. पुलिस ने काफी समझाया, लेकिन वह नहीं माने. इसके बाद पुलिस को किला से ही कांवड़ियों को निकालना पड़ा. इसी तरह से कई जगह मुहर्रम के जुलूस और कांवड़िए आमने सामने आ गए.
दिन भर बिजली सप्लाई ठप
शहर से लेकर देहात तक तख्त और ताजियों के जुलूस को लेकर बिजली सप्लाई बंद कर दी गई. इससे लोगों को काफी दिक्कत हुई. शहर के रामपुर रोड, उमरिया रोड, बाकरगंज, किला, फरीदापुर, रहपुरा, परसोना, पदारथपुर समेत कई हिस्सों की बिजली दोपहर दो बजे से बंद कर दी गई थी. यह बिजली सप्लाई तख्त और ताजियों के जुलूस वापस लौटने तक बंद रहेगी.
फतेहगंज पश्चिमी में 4 दिन से बिजली आपूर्ति ठप
बरेली के फतेहगंज पश्चिमी के बिजली सब स्टेशन में तकनीकी खराबी के चलते विद्युत सप्लाई बंद है. नगर पंचायत फतेहगंज पश्चिमी गांव रुकुमपुर, माधोपुर, रसूला चौधरी, इस्लामनगर, मीरापुर, रहपुरा समेत 2 दर्जन से अधिक गांवों में पिछले 4 दिन से बिजली आपूर्ति ठप है. बताया जाता है बिजली सप्लाई शुरू करने के लिए टेक्निकल टीम कार्य कर रही है. जिससे बिजली आपूर्ति शुरू हो सके. यहां के उपभोक्ता बिजली सप्लाई शुरू न होने से काफी परेशान हैं. इनके विद्युत उपकरण ठप हैं. इसके साथ ही मोबाइल की चार्जिंग के लिए लोगों को शहर की तरफ जाना पड़ रहा है.
गांवों में भी बिजली कटौती
बरेली देहात के गांवों में भी तख्त और ताजियों का जुलूस निकलता है. इसलिए यहां भी दोपहर बाद बिजली की लाइनों को बंद कर दिया जाएगा. जिससे कोई हादसा ना हो सके. यहां भी बिजली सप्लाई तख्त,और ताजियों के इमामबाड़ों पर वापस लौटने तक बंद रहेगी.
बिजली विभाग की टीम रख रही है निगाह
मुहर्रम के चलते बिजली विभाग के लाइनमैन और कर्मचारी भी निगाह रख रहे हैं. वह तख्त,और ताजियों के साथ चल रहे हैं. ताजियों के बिजली लाइन से टकराने पर बिजली लाइन के तार तुरंत हटाने का कार्य कर रहे हैं.
जानें क्यों मनाया जाता है मुहर्रम
मुहर्रम का त्योहार इस्लाम, इंसानियत और सच्चाई की खातिर पैगम्बर मुहम्मद साहब के नवासे हसन-हुसैन की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. बादशाह से हुई. इस जंग में हसन-हुसैन ने अपनी कुर्बानी दी थी. हसन-हुसैन को काफी तड़पाया गया. यहां तक कि उन्हें पीने तक के लिए पानी तक नहीं दिया गया. मगर, दोनों ने इंसानियत और सच्चाई का रास्ता नहीं छोड़ा, जंग में शहीद हो गए. इसके बाद से ही उनके अनुयायी मातम के रूप में मुहर्रम का त्योहार मनाते हैं. इस तरह हसन-हुसैन को तड़पा-तड़पाकर मारा गया था. उसी तरह इस अवसर पर उनके अनुयायी छाती पीट कर व अपने पर कोड़े बरसाकर खुद को कष्ट पहुंचाते हैं.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली