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धनबाद की महिला लाभुकों से धोखाधड़ी, 60 हजार रुपये में खरीदी गयी गाय दे रही 15 की जगह पांच-छह लीटर दूध

प्रतिदिन 15 लीटर दूध देनेवाली गाय की कीमत 60 हजार रुपये होगी. ऐसे में लाभुक खुद को ठगा महसूस कर रही हैं. व्यापारी ने 15 लीटर दूध देने की बात कह कर गाय दी थी. लाभुकों ने इसकी शिकायत पशुपालन विभाग से की है.

मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत महिला लाभुकों को 60 हजार में मिली गाय प्रतिदिन पांच-छह लीटर ही दूध दे रही है, जबकि योजना के मानक के तहत कीमत के अनुसार उसे 15 लीटर दूध देनी चाहिए. सरकार ने योजना के तहत लाभुकों को दी जानेवाली गाय का मूल्य निर्धारित करने के लिए फार्मूला तय किया है. इसके तहत गाय की कीमत प्रति एक लीटर दूध के लिए चार हजार रुपये निर्धारित है यानी अगर कोई गाय एक दिन में 10 लीटर दूध देती है, तो उसकी कीमत 40 हजार रुपये होगी.

प्रतिदिन 15 लीटर दूध देनेवाली गाय की कीमत 60 हजार रुपये होगी. ऐसे में लाभुक खुद को ठगा महसूस कर रही हैं. व्यापारी ने 15 लीटर दूध देने की बात कह कर गाय दी थी. लाभुकों ने इसकी शिकायत पशुपालन विभाग से की है. एक लाभुक की गाय 15 दिनों में ही मर गयी. यह लाभुक एक माह से गाय के लिए विभाग का चक्कर लगा रहा है. भूदा में रखी गयी गायों की स्थिति भी अच्छी नहीं है. महुदा मोड़ की एक लाभुक एक माह से अच्छी गाय की आस लगाये बैठी है. मंगलवार को प्रभात खबर ने योजना की पड़ताल की तो इस गड़बड़झाले का पता चला.

क्या है पशुधन योजना

पशुधन योजना के तहत महिलाओं को 60 हजार कीमत वाली गाय दी जाती है. दो गाय दी जानी है. पहली गाय मिलने के छह माह बाद दूसरी गाय मिलनी है. इसके लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी पर योजना तैयार की गयी. जिले की 172 लाभुकों को इसका लाभ मिलना है. लाभुकों का चयन हो चुका है. गाय को व्यापारी से खरीदने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन जिन लाभुकों ने गाय ले ली है, वे दूध जरूरत भर नहीं मिलने से परेशान हैं.

क्या है योजना की स्थिति

गोविंदपुर प्रखंड की जमडीहा ग्राम पंचायत की तीन दिव्यांग महिलाओं को मुख्यमंत्री पशुधन योजना (Mukhyamantri Pashudhan Yojana) का लाभ दिया गया. इस योजना के तहत लाभुक को दो-दो गाय एवं एक गाय पालन शेड देने की योजना है. पंचायत की बालिका देवी, प्रमिला देवी एवं सायरा खातून को गव्य विकास विभाग की ओर से इस योजना के तहत एक-एक गाय दी गयी. दुर्भाग्य यह है कि सायरा खातून को विभाग की ओर से दी गयी पहली गाय 15 दिनों के अंदर ही मर गयी. इंश्योरेंस के तहत उन्होंने विभाग के पास फिर से गाय के लिए दावा किया है, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी उसे गाय नहीं दी गयी है.

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तीन टाइम दूध देखने के बाद ही लाभुक को गाय लेनी है. लाभुक खुद ही गाय का चयन कर उसे लेते हैं. खानपान की कमी के कारण भी दूध में कमी होती है. मानक के अनुसार एक गाय को रोजाना साढ़े तीन किलो दाना देना है. साथ ही तीन लीटर दूध पर एक किलोग्राम के अनुसार दाना देना होता है, तभी उसका दूध का स्तर बना रहता है.

-डॉ प्रवीण कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी, धनबाद

केस स्टडी : एक

बालिका देवी, प्रमिला देवी को मिली गाय प्रत्येक दिन चार से पांच लीटर ही दूध देती हैं, जबकि उन्होंने 60-60 हजार रुपये की लागत से गाय खरीदी. शेड का लाभ अभी तक किसी को नहीं मिल सका है. मुखिया गोविंद प्रसाद साव ने कहा कि सामग्री मद में राशि नहीं होने के कारण इसका भुगतान नहीं हो सका है. गव्य विकास विभाग से गाय एवं गोविंदपुर प्रखंड कार्यालय से मनरेगा गाय पालन शेड का निर्माण होना है.

केस स्टडी : दो

26 जून को मैरानवाटांड़ निवासी सुप्रिया दे को एक गाय (शाहीवाल नस्ल) मिली थी. गाय रोज पांच से छह किलो दूध दे रही रही है. गाय का पशु बीमा भी कराया गया है, उस पर लगभग पांच हजार रुपये खर्च हुआ है. उन्होंने बताया कि धनबाद भूदा ऑफिस के बाहर से व्यापारी से गाय ली है.

केस स्टडी : तीन

मैरानवाटांड़ की लक्ष्मी दां को 26 जून को एक गाय मिली है. वह गाय के पीछे दिन भर लगी रहती हैं. इसके बाद भी सिर्फ आठ लीटर दूध ही मिल पा रहा है. वहीं नयन तारा ने बताया कि शाहीवाल गाय अपने स्वेच्छा से ही ली है. रोजाना आठ से 10 लीटर दूध मिल रहा है.

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