बीरभूम तिहरा हत्याकांड : मुकुल रॉय को कलकत्ता हाइकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
mukul roy gets anticipatory bail in birbhum triple murder case. पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम (Birbhum) जिले में वर्ष 2010 में माकपा (CPM) के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट (Calcutta High Court) ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता मुकुल रॉय (Mukul Roy) को अग्रिम जमानत दे दी.
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में वर्ष 2010 में माकपा के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मुकुल रॉय को अग्रिम जमानत दे दी. श्री रॉय को अग्रिम जमानत देते हुए न्यायमूर्ति जॉयमाल बागची और न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की अदालत की खंडपीठ ने उन्हें अगले आदेश तक जिले के लाभपुर, बोलपुर और शांतिनिकेतन पुलिस थाना क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने का आदेश दिया.
पीठ ने श्री रॉय से यह भी कहा कि वह नियमित जमानत के लिए चार हफ्ते के भीतर निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करें और इसके अलावा 50-50 हजार रुपये की दो जमानत भी प्रस्तुत करें. श्री रॉय के अधिवक्ता संदीपन दासगुप्ता ने दावा किया कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है, क्योंकि मामले में दर्ज प्राथमिकी में उनका नाम नहीं है.
श्री दासगुप्ता ने कहा कि इस मामले में वर्ष 2014 में दायर आरोपपत्र में भी भाजपा नेता का नाम नहीं आया था. बीरभूम जिले में तिहरे हत्याकांड के मामले में कुल 25 लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें भाजपा नेता मनीर-उल-इसलाम और उनके दो भाई शामिल हैं. वर्ष 2014 में दायर आरोपपत्र में से तीन नाम हटा दिये गये थे.
मनीर-उल-इसलाम वर्ष 2010 में वामदल में थे. बाद में वह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये और बीरभूम जिले की लाभपुर विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए. वर्ष 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गये थे.
माकपा के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के सिलसिले में, पीड़ितों के परिजनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पिछले साल सितंबर में आगे की जांच करने का आदेश दिया था. पुलिस ने माकपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में दिसंबर, 2019 में पूरक हलफनामा दायर किया था, जिसमें श्री रॉय का नाम शामिल था.
नवंबर, 2017 में भाजपा में शामिल होने से पहले मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद करीबी थे. बीरभूम में निचली अदालत में पूरक हलफनामा दायर किये जाने के बाद श्री रॉय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. वारंट जारी होने के बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए छह जनवरी को हाइकोर्ट का रुख किया था.