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अमित शाह के बुलावे पर मुकुल रॉय ने दिल्ली में की बैठक, बोले : तृणमूल के कई नेता हमारे संपर्क में

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संगठन में महत्वपूर्ण दायित्व दिये जाने के कयास के बीच भाजपा केंद्रीय कमेटी के सदस्य मुकुल रॉय गृह मंत्री अमित शाह के बुलावे पर दिल्ली गये. वहां बंगाल की राजनीतिक व भाजपा की सांगठनिक स्थिति पर चर्चा की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2020 7:23 PM

कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संगठन में महत्वपूर्ण दायित्व दिये जाने के कयास के बीच भाजपा केंद्रीय कमेटी के सदस्य मुकुल रॉय गृह मंत्री अमित शाह के बुलावे पर दिल्ली गये. वहां बंगाल की राजनीतिक व भाजपा की सांगठनिक स्थिति पर चर्चा की.

दिल्ली से लौटने के बाद श्री रॉय ने एक निजी टेलीविजन चैनल को दिये साक्षात्कार में साफ कर दिया कि वह भाजपा में कंफर्टेबल हैं और उन्हें कोई असुविधा नहीं है. वह अपनी स्टाइल की राजनीति कर रहे हैं. साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि अभी भी तृणमूल के कई नेता उनके संपर्क में हैं.

श्री रॉय ने कहा कि उन्हें कोई असुविधा नहीं है. वह जिस तरह की राजनीति करते हैं. उसी तरह की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘अगले विधानसभा चुनाव में जीत के लिए यह जरूरी है कि सभी आपस में मिलकर काम करें. नवीन (अन्य पार्टी से आये नेता) व प्रवीण (भाजपा के पुराने नेता) सभी को मिलकर काम करना होगा. योग्यता के अनुसार सभी को काम देना होगा.’

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उन्होंने कहा कि राज्य कमेटी के गठन में भी नवीन व प्रवीण को दोनों को मिलाकर कमेटी का गठन किया गया है. इसमें अर्जुन सिंह, सौमित्र खान व दुलाल बर जैसे नेताओं को भी स्थान मिला है, जिन्हें पार्टी में शामिल कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उसी तरह से वह आशा कहते हैं कि मंडल व बूथ स्तर की कमेटी में भी नवीन व प्रवीण दोनों नेताओं को स्थान मिले और योग्यता के अनुसार दायित्व दिया जाये.

मुकुल रॉय ने कहा कि राज्य में कुल 78,000 बूथ हैं. चुनाव में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ऐसी स्थिति में बूथ कमेटी में योग्य लोगों को शामिल किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि राज्य नेतृत्व व केंद्रीय नेतृत्व उन्हें पर्याप्त महत्व देता है और वह अपनी बातें आसानी से उन तक पहुंचाने में सक्षम हैं.

राहत कार्य में तृणमूल सरकार द्वारा बाधा पहुंचाने के आरोप पर श्री रॉय ने कहा, ‘विरोधी दल को राजनीति में स्पेस देना चाहिए. प्रजातंत्र में विरोधी दल का विशेष स्थान है. वर्तमान परिस्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग है. सभा व मीटिंग नहीं हो सकती है. ऐसी स्थिति में विरोधी दल के नेताओं को आने-जाने से रोका नहीं जाना चाहिए.

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अम्फान तूफान से निबटने में कोलकाता नगर निगम के असफल रहने पर श्री रॉय ने कहा कि यह मानना होगा कि पिछले 262 वर्षों के दौरान इतना बड़ा तूफान नहीं आया था. कोलकाता नगर निगम के पास इससे निबटने के लिए जरूरी उपकरण नहीं हैं. आपदा के लिए पहले कदम नहीं उठाये गये.

केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने के संबंध में पूछे जाने पर श्री रॉय ने कहा कि जो ऐसी बात कर रहे हैं, उन्हें यह सोचना होगा कि वर्तमान में देश के हालात कैसे हैं? उस पर भी विचार करना चाहिए.

Posted By : Mithilesh Jha

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