मुंगेर दुर्गा पूजा गोलीकांड की जांच कर रही सीआइडी की टीम सोमवार को मुंगेर पहुंची. जिसने गोलीकांड में मारे गये अनुराग पोद्दार का पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल बोर्ड में शामिल चिकित्सकों से घंटों पूछताछ की. साथ ही घायलों का इलाज करने वाले चिकित्सकों से भी पूछताछ की. जिसके बाद एक बार पुन: मुंगेर गोलीकांड को लेकर चर्चा सरेआम शुरू हो गयी. साथ ही सीआइडी की धीमी जांच गति पर भी लोग चर्चा करने लगे हैं.
बताया जाता है कि सीआइडी की 6 सदस्यीय टीम मुंगेर आयी, जो सीधे अस्पताल पहुंची. विदित हो कि जिस मेडिकल बोर्ड द्वारा मृतक श्रद्धालु अनुराग का पोस्टमार्टम किया गया था. उस बोर्ड के सभी मेंबर को पूर्व में ही सीआइडी ने सोमवार को अस्पताल में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था.
टीम के सदस्यों ने अस्पताल में पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डॉ रमन कुमार से जानकारी ली. बताया जाता है कि तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने अनुराग का पोस्टमार्टम किया था. जिसमें डॉ रमन, डॉ के रंजन एवं डॉ अजय शामिल थे. बताया जाता है कि सीआइडी टीम ने मेडिकल बोर्ड में शामिल अन्य दो चिकित्सकों से भी पूछताछ की.
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अस्पताल सूत्रों की मानें तो दुर्गा पूजा गोलीकांड में जो लोग गोली लगने से घायल हुए थे, उनका इलाज करने वाले चिकित्सकों से भी पूछताछ की गयी. सीआइडी की टीम ने मृतक के शरीर पर गोली व खून से संबंधित जानकारी हासिल की.
हाइकोर्ट के निर्देश के बाद सीआइडी द्वारा मामले की जांच प्रारंभ की गयी. जिसकी जिम्मेदारी सीआइडी के तत्कालीन डीएसपी प्रमोद कुमार राय को दी गयी थी. प्रमोद कुमार राय ने कई बार घटनास्थल पर पहुंच कर फॉरेंसिक टीम के सहयोग से मामले का जांच की. इसी बीच प्रमोद कुमार राय सेवानिवृत्त हो गये. इसके बाद सीआइडी द्वारा सीआइडी डीएसपी आलोक कुमार को मुंगेर गोली कांड से जुड़े मामलों के जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी. इसके बाद उन्होंने कई बार मुंगेर आकर मामले की तफ्तीश की है.
26 अक्तूबर 2020 की रात दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शोभा यात्रा में पब्लिक-पुलिस में झड़प हो गयी थी. श्रद्धालुओं को जम कर पुलिस ने पीटा. जबकि इस दौरान चली गोली से एक श्रद्धालु शहर के बेकापुर लोहापट्टी निवासी अनुराग की मौत पंडित दीन दयाल चौक पर गोली लगने से हो गयी थी. जबकि आधा दर्जन युवा गोली लगने से घायल हो गये थे.
29 अक्तूबर को गोलीकांड के विरोध में आक्रोश मार्च निकला था. जिसमें शामिल असामाजिक तत्वों ने आधे दर्जन थानों में आगजनी व लूट की घटना हुई थी. लाखों रुपये का नुकसान पुलिस विभाग को हुआ था. एसपी व एसडीओ कार्यालय व आवास पर भी पथराव हुआ था. घटना को लेकर बढ़ते जनाक्रोश के कारण तत्कालीन डीएम राजेश मीणा एवं एसपी लिपि सिंह का स्थानांतरण कर दिया गया था.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan