Munger News: मुखिया समेत कई पंचायत प्रतिनिधियों के अपहरण की थी योजना! नक्सलियों और पुलिस के बीच जमकर मुठभेड़
मुंगेर में पुलिस और नक्सलियों के बीच रविवार को जमकर गोलीबारी हुइ है. गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करने गई पुलिस को देख नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी. जानकारी के अनुसार,मुखिया व अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के अपहरण के इरादे से नक्सली जुटे थे.
मुंगेर: धरहरा प्रखंड के नक्सल प्रभावित सखौल कोल के समीप रविवार देर शाम पुलिस और नक्सलियों के बीच जमकर फायरिंग हुई. पंचायत चुनाव में अपना दम दिखाने के इरादे से जमा हुए नक्सलियों की सूचना पुलिस को मिली. जिसके बाद छापेमारी करने आई पुलिस को देख नक्सलियों ने पहाड़ पर से फायरिंग शुरु कर दी. पुलिस के तरफ से भी फायर किया गया. अंधेरे का फायदा उठाकर नक्सली भाग निकले. पुलिस ने इस मामले की प्राथमिकी भी दर्ज की है. जिसमें परवेश दा सहित अन्य नक्सलियों को नामजद किया गया.
परवेज दा सहित कई मुख्य नक्सली नेताओं का था जमाबड़ा
बताया जाता है कि शीर्ष नक्सली लीडर नारायण कोड़ा, बालेश्वर कोड़ा, सुरेश कोड़ा के ग्रुप में अमुमन 8 से 11 सदस्य होते है. जबकि परवेश दा के ग्रुप में 25 से 30 की संख्या में मारक दस्ता की टीम रहती है. जिस टीम से मुठभेड़ हुआ था वह परवेश दा का था. जबकि पास ही नारायण कोड़ा, सुरेश कोड़ा एवं बालेश्वर कोड़ा अपनी टीम के साथ डेरा डाले हुए थे. जो पुलिसिया कार्रवाई के बाद अंडर ग्राउंड हो गये.
अपहरण अथवा बड़ी घटना को अंजाम देने की थी योजना
बताया जाता है कि पंचायत चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए इन दिनों मुंगेर, लखीसराय एवं जमुई के पहाड़ी जंगल में नक्सलियों का ग्रुप डेरा डाले हुए है. इनका ग्रुप पहाड़ से नीचे उतर कर लगातार रैकी भी कर रहा है. नक्सलियों की योजना थी कि किसी बड़ी घटना को अंजाम देकर पंचायत चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराये. जबकि कुछ चिह्नित मुखिया एवं अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के अपहरण की भी योजना थी. क्योंकि नक्सलियों ने कुछ दिन पूर्व कुछ मुखिया से रंगदारी का भी डिमांड किया था.
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आबकारी टीम पर भी पिछले दिनों हुआ था हमला
पुलिस के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों आबकारी टीम अवैध शराब निर्माण के खिलाफ छापेमारी के लिए सखौल गयी थी. इस क्रम में पहाड़ व जंगली क्षेत्र में छापेमारी कर रहा था. पुलिस वर्दी में लोगों को देख कर नक्सलियों ने आबकारी टीम पर भी हमला कर दिया. जिसके बाद आबकारी टीम वापस लौट गयी. लेकिन इस संबंध में आबकारी टीम ने न तो प्राथमिकी दर्ज करायी और न ही इसकी सूचना पुलिस विभाग को दी. इससे अंजान पुलिस टीम गुप्त सूचना पर नक्सलियों के खोज में वहां गयी और नक्सलियों से मुठभेड़ हुआ. अगर आबकारी टीम पूर्व में इसकी सूचना देती तो नक्सलियों के खिलाफ पुलिस विभाग योजना बना कर कार्रवाई करती.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक जगुनाथरेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि रविवार की देर शाम सखौल कोल में पुलिस-नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुआ था. दोनों ओर से गोलियां भी चली. अंधेरे का फायदा उठाते हुए नक्सली घने जंगल के रास्ते भाग निकला. एसटीएफ व पुलिस टीम ने पीछा भी किया. लेकिन रात हो जाने के कारण पुलिस टीम वापस लौट आई. इस मुठभेड़ में किसी तरह की कोई हताहत नहीं हुआ है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan