नौकरी के नाम पर करोड़ों ठगने वाला फर्जी दारोगा थानेदार को भी देने लगा झांसा, एक गुमनाम पत्र से खुला पोल
दारोगा भर्ती के नाम पर बेरोजगारों को ठगी का शिकार बनाने वाले फर्जी दारोगा को दबोच लिया गया. पूछताछ के दौरान उसने थानेदार को भी झांसा देना नहीं छोड़ा और खुद को दारोगा बताता रहा. लेकिन उसकी पोल खुल गयी.
मुंगेर: खाखी वर्दी देख कर जहां अपराधियों एवं गलत तत्वों का पसीना उतर जाता है, वहीं आम लोग अपने को सुरक्षित महसूस करने लगते हैं. लेकिन खाखी वर्दी का उपयोग कर राहुल कुमार जैसा युवक ठगी का कारोबार भी संचालित करता है. क्योंकि लोगों का विश्वास खाखी पर खड़ा होता है. तभी तो उसने सिपाही और दारोगा भर्ती के नाम पर मुंगेर ही नहीं अन्य जिलों के भोले-भाले युवकों को अपना निशाना बना कर करोड़ों रुपये की ठगी कर लिया. जब मामला खुला तब लोगों को पता चला कि राहुल फर्जी दारोगा बन कर ठगी का गोरखधंधा कर रहा था.
गुमनाम पत्र ने खोला राहुल का पोल
फर्जी दारोगा बन कर लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के गोविदपुर गांव निवासी सुरेंद्र पासवान का पुत्र राहुल कुमार ठगी का बड़ा गोरखधंधा को अंजाम दे रहा था. इसके झांसे में फंसे किसी व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक को एक पत्र भेजा. जब एसपी जगुनाथरेड्डी जलारेड्डी ने पत्र को खोला तो वह गुमनाम था. लेकिन उसमें राहुल कुमार के फर्जी दारोगा की कहानी लिखी हुई थी. जिसके बाद एसपी ने लड़ैयाटांड थानाध्यक्ष नीरज कुमार को पत्र के आलोक में राहुल की कुंडली खंगालने एवं उस पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया. जिसके बाद राहुल के फर्जी दारोगा होने एवं नौकरी के नाम पर ठगी का मामला सामने आया.
थानाध्यक्ष को किया घंटों गुमराह, खुद को 2017 बैच का बताया दारोगा
लड़ैयाटांड थानाध्यक्ष नीरज कुमार जब गोविंदपुर स्थित उसके घर पर पहुंचा तो वहां एक आलीशान भवन का निर्माण कार्य चल रहा था. जहां पर पुलिस लोगो लगी स्कॉर्पियों वाहन हूटर सहित लगा हुआ था. जब पुलिस ने राहुल को हिरासत में लेकर पूछताछ किया तो उसने खुद को वर्ष 2017 बैच का दारोगा बताया और कहा कि वह बेगूसराय जिला बल में दारोगा के पद पर तैनात है. जिसके बाद थानाध्यक्ष ने उससे बैचमेट एवं बुनियादी ट्रेनिंग से संबंधित सवाल पूछे तो वह उसका जवाब नहीं दे पाया. जिसके बाद यह पुख्ता हो गया कि वह दारोगा नहीं है. जिसके बाद थानाध्यक्ष ने वर्ष 2017 बैच के बेगूसराय में पोस्टेट नवनियुक्त दारोगा से मोबाइल पर संपर्क किया तो पता चला कि राहुल कुमार नाम का कोई भी व्यक्ति बेगूसराय में दारोगा पद पर तैनात नहीं है.
Also Read: भागलपुर का NH-80 भ्रष्टाचार की गंगोत्री, 18 साल में खर्च हुए सवा अरब, खतरनाक गड्ढों में रोज पलट रहे वाहन
सिपाही व दारोगा भर्ती के नाम पर की करोड़ों रुपये की ठगी .
गुमनाम पत्र यह जिक्र किया गया था कि राहुल भोले-भाले बेरोजगार युवकों को अपने वर्दी और शानो-शौकत की आंड़ में फंसाता है और उससे नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करता है. करोड़ों रुपया उसने ऐसे बेरोजगारों से ठगी किया है. जांच में यह पुख्ता हो गया कि राहुल सिपाही और दारोगा भर्ती के नाम पर मोटा रकम ऐसे युवकों को वसूल रहा है.
बेरोजगारों से ठगी
एसडीपीओ सदर नंदजी प्रसाद ने पत्रकारों को बताया कि अब तक के जांच में यह पता चला कि मुंगेर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मयदरियापुर निवासी बलजीत यादव से 16 लाख, लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के कठोर गांव निवासी मनु यादव से 4.50 लाख, जमुई के सुनील कुमार से 5 लाख, धरहा के निरंजन कुमार एवं सूरज कुमार से 5-5 लाख रुपये की ठगी की है. उन्होंने बताया कि तत्काल जानकारी के अनुसार 36 लाख के ठगी का पता चला है.
वर्दी की आड़ में पत्नी व मां को बनवाया पंचायत प्रतिनिधि
बताया जाता है कि फर्जी दारोगा ने वर्दी की आंड़ में ग्रामीणों पर एक अलग ही छाप छोड़ दिया था. दिसंबर 2021 को संपन्न हुए पंचायत चुनाव में उसने अपनी मां और पत्नी को भी अलग-अलग पदों पर जीत दिलाया. महगामा पंचायत के पंचायत समिति सदस्य पर जहां उसने पत्नी को जीत दिलाने में कामयाबी हासिल किया. वहीं अपने गांव गोविंदपुर जिस वार्ड में पड़ता है उस वार्ड का अपनी मां को वार्ड सदस्य के रूप में जीत दिलवाया.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan