बिहार में एक समय मुंगेर अवैध हथियार निर्माण का हब माना जाता था. परंतु एसटीएफ की लगातार दबिश और तेज कार्रवाई के कारण यहां से अवैध हथियारों के लघु उद्योग दूसरे राज्यों खासकर पड़ोसी राज्य झारखंड और बंगाल में शिफ्ट होते जा रहे हैं. यहां के कारीगर पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती जिलों में जाकर मिनी गन फैक्टरी चला रहे हैं.
खुफिया इनपुट के आधार पर पिछले नौ महीने के दौरान राज्य के बाहर एसटीएफ ने रेड करके ऐसी पांच अवैध फैक्टरी का खुलासा किया है. इसमें यूपी में एक, झारखंड में तीन और पश्चिम बंगाल में एक फैक्टरी शामिल है. इन्हें संचालित करने वाले 25 तस्करों की भी गिरफ्तारी हुई है. इनसे पूछताछ में कई तथ्य सामने आये हैं.
गिरफ्तार आरोपितों में अधिकतर मुंगेर के ही हैं और वे मिस्त्री हैं, जो अवैध हथियार निर्माण के धंधे में शुरू से ही जुड़े हुए हैं. इनसे पूछताछ में पता चला कि मुंगेर में दबिश बढ़ने के कारण इन लोगों ने अपना ठिकाना आसपास के राज्यों या बिहार से सटे दूसरे राज्यों के जिलों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. यहां से हथियार बनाकर वे बिहार समेत अन्य राज्यों में बदस्तूर सप्लाई कर रहे हैं.
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इसके अलावा अवैध हथियार निर्माण से जुड़े छोटे-मोटे सेंटर भी आधा दर्जन के आसपास पकड़े गये हैं. इसमें मध्य प्रदेश, यूपी, झारखंड, पश्चिम बंगाल के कई स्थानों शामिल हैं.दूसरे राज्यों में इन कारीगरों को वहां के स्थानीय दबंगों का संरक्षण भी प्राप्त है. झारखंड समेत अन्य स्थानों पर कुछ नक्सलियों के संरक्षण में भी अवैध मिनी गन फैक्ट्री चल रही है.
मुंगेर और आसपास के इलाकों में लगातार अवैध हथियार तस्करों के खिलाफ एसटीएफ की सघन कार्रवाई चल रही है. संभवत इससे परेशान होकर इन तस्करों ने पड़ोसी राज्यों में जाकर अपने ठिकाने बनाने शुरू कर दिये हैं. हालांकि इन राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर खुफिया इनपुट जुटा जा रहे हैं और ऐसी अवैध मिनी गन फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई हो रही है.
सुशील एम खोपड़े (एडीजी, ऑपरेशन)
POSTED BY: Thakur Shaktilochan