गोरखपुर कमिश्नर से नगर निगम के ठेकेदार करेंगे मुलाकात, रिश्वतखोरी की जांच दूसरे विभाग से कराने की रखेंगे मांग

गोरखपुर नगर निगम के ठेकेदार कमिश्नर अनिल डिगर से मुलाकात करेंगे. ठेकेदारों ने पार्षदों और अभियंताओं पर कमीशन लेने का आरोप लगाया है. इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2023 12:40 PM

Gorakhpur: नगर निगम के ठेकेदार सोमवार को कमिश्नर अनिल डिगर से मुलाकात करेंगे. नगर निगम के पार्षदों और अभियंताओं पर कमीशन लेने का आरोप ठेकेदारों ने लगाया है. उनका कहना है कि निर्माण विभाग में काम करने के लिए उन्हे एडवांस कमीशन देना पड़ता है. अगर कोई ठेकेदार कमीशन देने से मन करता है तो निर्माण विभाग के अभियंता उसकी पत्रावली में एमबी रोक देते हैं. इस शिकायत को लेकर पहले भी ठेकेदार कमिश्नर से मिल चुके हैं. जिसके बाद उन्होंने नगर निगम की जांच टीम गठित की थी.

ठेकेदारों का कहना है की जांच के लिए गठित नगर निगम की टीम पर उन्हें भरोसा नहीं है. इसकी वजह यह है की जांच अधिकारी खुद जोनल अधिकारी है. और विकास से जुड़ी फाइलों पर उनके भी दस्तखत होते हैं. ऐसी स्थिति में जांच प्रभावित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. उनकी मांग है कि दूसरे विभाग से इस प्रकरण की जांच कराई जाए. ताकि निष्पक्षता बनी रहे. ठेकेदारों का कहना है कि अगर इस तरह से वह सब को कमीशन देते रहे तो कमीशन के चक्कर में काम की गुणवत्ता खराब होती है.

कमीशन खोरी को लेकर ठेकेदारों में आक्रोश

ठेकेदारों की माने तो कमीशन खोरी के चलते उन लोगों में काफी आक्रोश है. ठेकेदारों ने कमीशन लेने का प्रमाण भी इकट्ठा करने का दावा किया है.कॉन्ट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि दिन प्रतिदिन नगर निगम में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि पार्षद और अभियंताओं के कारण हम लोगों की परेशानी बढ़ रही है. इन लोगों को कमीशन देने के कारण कार्य की गुणवत्ता भी ठीक नहीं हैं.

उन्होंने बताया कि नगर निगम के महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव और नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल पूरी ईमानदारी से अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं. लेकिन पार्षद और अभियंताओं के कारण उन लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि शिकायत पर नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने नगर निगम में जांच के लिए कमेटी गठित की है. लेकिन गठन के बाद से ही अधिकारियों पर दबाव बनने लगा है. ऐसी स्थिति में नगर निगम के अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती है.

उनकी मांग है कि किसी और विभाग की टीम गठित कर इस प्रकरण की जांच कराई जाए. जिससे जांच निष्पक्ष हो. क्योंकि यह कोई छोटा मामला नहीं है. उन्होंने बताया कि नगर आयुक्त द्वारा टीम गठित होने के बाद से ही अधिकारियों और पार्षदों ने मामले को मैनेज करने के लिए नर्सिंग पांडे को आगे किया है जो खुद कमीशन से परेशान है. नगर आयुक्त द्वारा गठित की गई जांच टीम के अधिकारियों का कहना है कि नगर आयुक्त के निर्देश पर सोमवार को मामले की जांच की जाएगी.

यह आरोप निराधार- पार्षद

वहीं इस मामले में वार्ड नंबर 50 कल्याणपुर के पार्षद शिवेंद्र मिश्रा ने बताया कि ठेकेदारों ने 10% पार्षद को कमीशन देने की बात कहां है यह बिल्कुल गलत और निराधार है. क्योंकि इस तरह 10% कमीशन देने का कोई ठोस प्रमाण उनके पास नहीं है.

उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को पार्षदों को गलत व तथ्यहीन शिकायत करने का कोई हक नहीं है. इससे पार्षदों की समाज में छवि धूमिल हुई है. उन्होंने यह भी कहा है कि अगर ठेकेदारों के पास कोई ठोस प्रमाण 10% कमीशन देने का है तो उसे स्पष्ट रूप से पार्षद के नाम के साथ नगर आयुक्त नगर निगम गोरखपुर को अवगत कराएं.

रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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