अलीगढ़: मन्नत पूरी होने पर मुस्लिम परिवार ने मंदिर में की पूजा, माता को चढ़ाई चुनरी, शहर में बना चर्चा का विषय
अलीगढ़, कफील कुरैशी ने बताया कि माता रानी की कृपा से जो मन्नत मैंने मांगी थी. वह पूर्ण हो चुकी है. उसी के क्रम में परिवार के साथ नवरात्रि में मंदिर में आकर पूजा अर्चना कर माता रानी को चुनरी चढ़ाई है. मैं अपने दिल से माता रानी का सम्मान करता हूं.
Chaitra Navratri 2023: अलीगढ़ में अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति की मन्नत पूरी होने पर माता के दरबार में पूजा अर्चना कर चुनरी चढ़ाई. सराय मियां इलाके में हिंदू और मुस्लिम मिश्रित आबादी के लोग रहते हैं. यहां कफील कुरैशी ने मन्नत मांगी थी. जिसके बाद उसकी मुराद पूरी होने पर माता रानी के मंदिर में आकर पूजा अर्चना कर चुनरी चढ़ाई.
कहते हैं आस्था से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता. जिसकी आस्था जिस धर्म के प्रति लग जाती है. वह व्यक्ति उसी धर्म में लीन हो जाता है. हमारे देश में विभिन्न धर्म और जाति के लोग निवास करते हैं. जिनकी अपनी-अपनी आस्था है. लेकिन कुछ लोग अपने धर्म के साथ ही दूसरे धर्म की आस्था में भी विश्वास रखते हैं और अपनी मन्नत को पूरी होने पर उस आस्था में लीन हो जाते हैं. अलीगढ़ में ऐसा ही देखने को मिला.
हिंदू-मुस्लिम नवरात्रि में करते हैं माता रानी की पूजा
थाना देहली गेट क्षेत्र के तहत सराय मियां इलाका है. जहां क्षेत्रीय लोगों के द्वारा मंदिर में नवरात्रि के दिन पूजा अर्चना की जाती है. मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र में हिंदू मुस्लिम रहते हैं. वहीं सराय मियां के रहने वाले कफील कुरैशी ने बताया कि वह प्रतिदिन यहां से निकलता था. मंदिर में प्रतिदिन पूजा अर्चना को देखता था. वहीं उसके मन में भी माता रानी के प्रति आस्था जागी और अपनी मन्नत माता रानी से की.
माता रानी की कृपा से मन्नत पूरी हुई
कफील कुरैशी ने बताया कि माता रानी की कृपा से जो मन्नत मैंने मांगी थी. वह पूर्ण हो चुकी है. उसी के क्रम में परिवार के साथ नवरात्रि में मंदिर में आकर पूजा अर्चना कर माता रानी को चुनरी चढ़ाई है. कफील कुरैशी ने बताया कि मैं अपने दिल से माता रानी का सम्मान करता हूं. मैंने मन्नत मांगी थी. जो पूरी हुई. उन्होंने कहा कि हिंदू – मुस्लिम एकता का पैगाम भी देना चाहता हूं.
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कफील ने किया माता रानी का श्रृंगार
कफील ने आरती पूजन के साथ माता रानी का श्रृंगार भी किया. वहीं स्थानीय निवासी मनजीत सिंह ने बताया कि मुस्लिम समुदाय के एक दर्जन से अधिक लोगों ने आकर माता रानी की पूजा की है. इस दौरान श्रृंगार और आरती भी की गई. जिस तरह से हिंदू पूजा करते हैं. उसी तरीके से कफील कुरैशी ने भी पूजा की. मनजीत ने बताया कि कफील कुरैशी की मन्नत थी. जो पूरी हो गई. इसलिए पूजा की गई.
रिपोर्टः आलोक अलीगढ़