कानपुर अग्निकांड: रमजान में मुस्लिम दुकानदारों का करोड़ों का नुकसान, IIT कानपुर कर रहा घटना की जांच
कानपुर के कपड़ा बाजार में लगी आग की तश्वीरें यह बताने के लिए काफी हैं कि उसका रूप कितना भयानक - विकराल था. आग लगी तो कैसे ? आग को बुझाने में इतना समय क्यों लगा . जिन टावरों में आग लगी है उनको एनओसी कब दी गयी, टावरों में आग बुझाने के क्या इंतजाम थे. ये वह सवाल हैं जिनके उत्तर तलाशे जा रहे ?
कानपुर. कानपुर में रेडीमेड बाजार में गुरुवार की देर रात को लगी आग अभी भी सुलग रही है. व्यापारियों के आंसू सैलाब में तब्दील हो रहे हैं. 84 घण्टे तक एक बाजार जलता रहा.आग के खौफनाक मंजर को देखकर हर एक आदमी का दिल रो पड़ा.कानपुर के बासमण्डी इलाके में एआर टावर और नफीस टावर में लगी आग से मुस्लिम दुकानदारों का करोड़ों का नुकसान हो गया. नुकसान भी यह रमजान के महीने में हुआ है.हालांकि इन टावरों में हिंदुओं की भी दुकानें कम नहीं हैं लेकिन रमजान में यहां बाजार गुलजार रहता था पाक महीने में मुस्लिम परिवारों पर आयी इस आफत से उनके प्रति हर किसी की हमदर्दी है.
स्टेट बैंक तक पहुंची आग की लपटेंटावर में लगी आग की लपटें बाजार से सटे स्टेट बैंक में पहुंची थी. बैंक को तुरन्त खाली करवा लिया गया.स्टेट बैंक में रखी नगदी,लॉकर और जरूरी सामान को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कराया है.आग लगी है इससे सैकड़ों व्यापरियों का करोड़ों का नुकसान हुआ है.आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियों और हाइड्रोलिक क्रेनों की जरूरत पड़ी थी तो आसपास के जिलों में जो भी फायर उपकरण और हाइड्रोलिक क्रेन थी उन्हें मंगवा लिया गया.इसके बाद भी जब आग में काबू पाया नही जा सका तो सेना के पास में जो भी फायर उपकरण मौजूद थे.उन्हें भी मौके पर भेजा गया.
कपड़ा बाजार में लगी आग के बाद दुकानदारों और प्रशासन को काफी मुसीबत और मशक्कत का सामना करना पड़ा. जिम्मेदारी तय करने के लिए प्रशासन ने अपनी जांच शुरू कर दी है.निर्माण कार्य की समीक्षा के लिए आइआइटी कानपुर की एक टीम भी मौके पर पहुंची है. माना जा रहा है कि टीम तमाम पहलुओं पर जांच करेगी. ये जानने की कोशिश भी करेगी की निर्माण में कितनी कमियां थी.आईआईटी की रिपोर्ट के बाद कानपुर के बाजार में उसी तरह से बुलडोजर एक्शन हो सकता है जैसे नोएडा में ट्वीन टावर पर हुआ था.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी