Holi 2022: काशी में मुस्लिम महिलाओं ने खेली होली, मोहब्बत का गुलाल उड़ाकर दिया भाईचारे का संदेश
Holi 2022: काशी की मुस्लिम महिलाओं ने मोहब्बत के गुलाल से एक दूसरे को सांस्कृतिक रूप से जोड़ने का संदेश भी दे दिया. कट्टरपंथियों एवं नफरतवादियों द्वारा फैलाये जा रहे नफरत को कड़ी चुनौती काशी की मुस्लिम महिलाओं ने मुहब्बत का गुलाल उड़ाकर दी.
Holi 2022: गंगा -जमुनी तहजीब के शहर वाराणसी में होली पर्व सर्वधर्म भाव के साथ मनाया जाता है. यहाँ मन्दिर की घंटिया और मस्जिद की नमाज दोनो के सजदे में सभी का सर झुकता है. इसी संस्कृति का उदाहरण देते हुए तहजीब के शहर वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने हिन्दू बहनों के साथ मिलकर रंगों- गुलाल, फूलों के साथ होली खेलकर कट्टरपंथीयो को यह संदेश दिया कि, लोगो की भावनाओ से खेलने वालों यदि खेलना है तो रंगों व गुलालों के साथ होली खेलो. मुस्लिम महिलाओं ने गुलाल उड़ाकर सौहार्द्र का संदेश दिया. यह होली समारोह मुस्लिम महिला फाउण्डेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान लमही के इन्रे यश नगर के सुभाष भवन में आयोजित किया गया.
जिसमें नकाब पहनकर शामिल हुई महिलाओं ने मुस्लिम महिलाओं की गुलालों की होली कार्यक्रम में यह संदेश दिया कि यह नकाब उन्होंने अपनी मर्जी से पहना है न कि कट्टरपंथी की धमकी व फतवे के डर से पहना हुआ है. मुस्लिम महिलाओं ने हिन्दू महिलाओं के साथ मिलकर रंग- गुलाल – फूलों से जमकर होली खेली. इस कार्यक्रम के माध्यम से काशी की मुस्लिम महिलाओं ने नफरत का जहर घोलने वाले इस्लामी कट्टरपंथियों को भी मुहब्बत का पैगाम दिया.होली का त्योहार 18 मार्च को हैं. इसकी धूम काशी में भी खूब देखने को मिल रही हैं.
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यू तो पूरी दुनियां में रंगों की होली होती है लेकिन काशी में दिल मिलाने की होली खेली जाती है और नफरत की होलिका जलायी जाती है.तभी तो भूत भावन महादेव श्मशान में चिता की भस्म से होली खेलते हैं. इसी क्रम में काशी की मुस्लिम महिलाओं ने मोहब्बत के गुलाल से एक दूसरे को सांस्कृतिक रूप से जोड़ने का संदेश भी दे दिया. कट्टरपंथियों एवं नफरतवादियों द्वारा फैलाये जा रहे नफरत को कड़ी चुनौती काशी की मुस्लिम महिलाओं ने सुभाष भवन लमही में मुहब्बत का गुलाल उड़ाकर दी.
होली के अवसर पर मुस्लिम महिला फाउण्डेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान लमही के इंद्रेश नगर के सुभाष भवन में मुस्लिम महिलाओं की गुलालों की होली कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुस्लिम महिला फाउंडेशन की सदस्य नजमा परवीन ने बताया कि हम सभी हिन्दू- मुस्लिम बहने मिलकर रंगों और फूलों की होली खेल रही हैं. जहाँ पर हर मजहब हर धर्म लोगो को बांटता आया है वहाँ पर हमलोग इस तरह से त्योहार मनाकर एकता का पैगाम दे रहे हैं. क्योंकि बनारस की संस्कृति हमेशा से एकता की संस्कृति रही हैं और यहां पर सभी लोग एक होकर रहना चाहते हैं.
रिपोर्ट विपिन सिंह