इचाक: हजारीबाग के इचाक प्रखंड में करीब एक हजार हेक्टेयर भूमि पर सरसों (तोरी) की फसल लहलहा रही है. किसान अपनी फसल को देख काफी उत्साहित हैं. सबसे अधिक फसल इचाक प्रखंड के कालाद्वार, फुफन्दी, मूर्तिया, सायल कला, सायल खुर्द, दरिया, बरकाखुर्द, बरकाकला, मनाई, हसेल, पोखरिया, जोगिडीह, लोहड़ी, डाढ़ा, फुरुका, मोकतामा, मंगुरा, हदारी, साडम, बोंगा, बरियठ, तिलरा, कवातू, नावाडीह समेत अन्य कई गांवों में खेती हुई है. किसानों का मानना है कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सरसों की फसल अच्छी होगी. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
क्या कहते हैं किसान
फुफन्दी के किसान अनिल कुमार मेहता, सीताराम महतो, लक्ष्मण मेहता ने कहा कि आलू कोड़ने के बाद बाजार से खरीदकर सरसों तोरी की फसल लगायी गयी है. इस वर्ष सरसों की उपज अच्छी होने की उम्मीद है. किसानों की तेलहन की समस्या दूर होगी. कलाद्वार के किसान खुशीलाल मेहता, मनोज मेहता ने बताया कि ओलावृष्टि नहीं हुई तो किसान को सरसों की फसल से काफी लाभ होगा.
अच्छी उपज की उम्मीद
फुरुका के किसान बीरेंद्र मेहता, सकेंद मेहता ने कहा कि सरसों (तोरी) की अच्छी उपज होने की उम्मीद है. सरसों तेल काफी महंगा हो गया है. अच्छी उपज होने से आम ग्रामीणों को महंगाई से निजात मिलेगी. मंगुरा के किसान संतोष मेहता एवं महेंद्र मेहता ने कहा कि आलू की खेती में भारी बारिश होने से कई किसानों को नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई सरसों की फसल से होने की उम्मीद है. रतनपुर के रामकिशोर मेहता ने कहा कि सरसों की खेती में कम पूंजी लगती है. मौसम ठीक-ठाक रहा तो आमदनी अच्छी होती है. मोकतमा गांव के रंजीत कुमार एवं पिंटू मेहता ने कहा कि सरसों की खेती से किसानों को मेहनत एवं लागत कम लेकिन मुनाफा अधिक होता है, लेकिन सिंचाई के समुचित साधन नहीं होने से परेशानी झेलनी पड़ती है.
Also Read: शीतलहरी को लेकर झारखंड के सभी स्कूलों में 1 से 5 तक की कक्षाएं 8 जनवरी तक रहेंगी बंद, आदेश जारी
मधुमक्खी पालन एवं रोजगार का मिल सकता है बढ़ावा
इचाक ग्रीन एग्रो प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सह ई नाम के ब्रांड एम्बेसडर अशोक कुमार मेहता ने कहा कि इचाक के किसानों ने आलू, धनियां, टमाटर के बाद सरसों तोरी की खेती बड़े स्तर पर की है. सरकार पहल करे तो इचाक प्रखंड में सरसों के फूल से मधुमक्खी पालन और तेल उत्पादन कारखाना को खोल युवा रोजगार को भी बढ़ावा दे सकते हैं. इससे किसान लाभान्वित होंगे और आत्मनिर्भर बनेंगे.
Also Read: कॉमरेड महेंद्र सिंह का शहादत दिवस 16 जनवरी को, सफल आयोजन को लेकर भाकपा माले ने बनायी ये रणनीति
रिपोर्ट : रामशरण शर्मा, इचाक, हजारीबाग