मुजरफ्फरनगर: पहलवानों के समर्थन में खाप महापंचायत आज, बृजभूषण शरण सिंह को लेकर बड़े फैसले की तैयारी
पहलवानों के समर्थन में मामला दो गुटों में बंटने के बाद गुरुवार को पश्चिमी यूपी में खाप पंचायत बड़ा फैसला करने की तैयारी में हैं. इसके लिए कई राज्यों से खाप चौधरी मुजफ्फरनगर पहुंचेंगे. भाकियू ने मामले को बेटियों के सम्मान और सुरक्षा से जोड़कर भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
Muzaffarnagar: भारतीय कुश्ती संघ के निर्वतमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) पर लगाए यौन शोषण के मामले में खाप पंचायत (Khap Panchayat) खुलकर पहलवानों के समर्थन में आ गई हैं. पश्चिमी यूपी में गुरुवार को इस मुद्दे पर खाप पंचायत एकजुट होकर बड़ा फैसला करेंगी, जिससे सियासी पारा भी गरमा सकता है. इतनी बड़ी संख्या में खाप पंचायतों के एकजुट होने के कारण इस महापंचायत कहा जा रहा है.
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि महिला पहलवान भी देश की बेटियां हैं. बात सिर्फ न्याय की होनी चाहिए. जंतर-मंतर पर जो हुआ, क्या वह किसी सभ्य समाज में स्वीकार्य हो सकता है. यह गलत हुआ है. सोरम में खाप चौधरियों के सामने यह मामला रखेंगे और समाधान निकालने का प्रयास होगा.
मुजफ्फरनगर में सोरम की सर्वजातीय और सर्वखाप पंचायत में गुरुवार को खाप चौधरियों के फैसले पर सबकी निगाह टिकी हुई है.सर्वखाप मंत्री सुभाष बालियान के मुताबिक राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के खाप चौधरियों और महत्वपूर्ण लोगों का पंचायत में जमावड़ा होगा. दोपहर 12 बजे से यहां लोगों का पहुंचना शुरू हो जाएगा.
दोपहर 12 बजे से यहां लोगों का पहुंचना शुरू हो जाएगा.खाप चौधरी, उनके प्रतिनिधि और समर्थक शामिल होंगे. पंचायत में भारी भरकम भीड़ जुटने के कारण चौपाल के बजाए वैदिक कन्या इंटर कॉलेज में पंचायत की तैयारी की गई है.
भाकियू के मुताबिक पंचायत स्थल पर चार से पांच हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. खाप से जुड़े लोगों के मुताबिक पंचायत में देश और समाज के अलावा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए जो भी निर्णय किए गए हैं, वह सदैव सफल हुए हैं. पंचायत में देश की बेटियों को न्याय दिलाने के लिए जो भी निर्णय किया जाएगा, उस को सफल बनाने में सर्व समाज के लोग अपनी भूमिका अदा करेंगे.
इससे पहले साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने ओलंपिक और विश्व पदक विसर्जित करने पहुंचे थे. लेकिन, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत की अपील पर उन्होंने पदक को गंगा नदी में नहीं बहाया.
पहलवानों से बात कर नरेश टिकैत ने केंद्र सरकार को कार्रवाई के लिए पांच दिन का अल्टीमेटम दिया है. टिकैत ने पहलवानों से मेडल्स और मोमेंटो वाली पोटली भी ले ली. वहीं पहलवानों को न्याय दिलाने और भविष्य की रणनीति बनाने के लिए सोरम में सर्वखाप की पंचायत बुलाई गई है.
उधर बृजभूषण शरण सिंह ने बुधवार को बाराबंकी में कहा कि मैंने कहा था कि अगर एक भी आरोप मेरे ऊपर साबित हो जाएगा, तो मैं स्वयं फांसी पर लटक जाऊंगा. आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं. चार महीने हो गए वो मेरी फांसी चाहते हैं. लेकिन, सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है तो पहलवान अपना मेडल लेकर गंगा में बहाने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में मेडल बहाने से बृज भूषण को फांसी नहीं मिलेगी. ये इमोशनल ड्रामा है. अगर तुम्हारे पास सबूत है तो न्यायलय को दो और न्यायालय मुझे फांसी देगा तो मुझे वो स्वीकार है.