Lucknow: यूपी के मुजफ्फरनगर के एक निजी स्कूल में पहाड़ा न सुना पाने पर छात्र को शिक्षिका द्वारा सहपाठियों से थप्पड़ लगवाए जाने की मामले में अब नई जानकारी सामने आयी है. अब पीड़ित छात्र को कक्षा दो में ही गांव के ही सरकारी प्राथमिक स्कूल में सोमवार को दाखिला कराए जाने की संभावना है. बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शुभम शुक्ला ने मीडिया को बताया कि पीड़ित छात्र के पिता नहीं चाहते कि उनका बेटा नेहा पब्लिक स्कूल में अपनी पढ़ाई जारी रखे.
शुक्ला ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी ने छात्र से बात की थी जिसमें उसने गांव के ही सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ने की इच्छा जाहिर की थी लिहाजा सोमवार को प्राइमरी स्कूल में उसका दाखिला कराया जाएगा, बशर्ते उसका परिवार ऐसा करने को तैयार हो. शुक्ला ने यह भी कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी सोमवार को खब्बूपुर गांव के नेहा पब्लिक स्कूल जाएंगे और जो बच्चे स्कूल में पढ़ाई के लिए आना चाहते हैं उनके लिए व्यवस्था की जाएगी क्योंकि वे पहले से ही शुल्क का भुगतान कर रहे हैं.
खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूल प्रशासन को घटना के सिलसिले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि उत्तर नहीं देने पर स्कूल की मान्यता खत्म करने की चेतावनी दी गई है. बीएसए ने कहा कि स्कूल को इस मामले में अपना स्पष्टीकरण देने के लिए एक महीने का समय दिया गया है. स्कूल बंद नहीं रहेगा और सामान्य शिक्षण गतिविधियां जारी रहेंगी. स्कूल में तीन शिक्षक हैं.
यह पूछे जाने पर कि तृप्ता त्यागी अब पढ़ाएंगी या नहीं, शुक्ला ने कहा कि यह उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर निर्भर करता है. शुक्ला ने नेहा पब्लिक स्कूल को बंद करने का कोई आदेश जारी किए जाने से इनकार करते हुए कहा कि स्कूल प्रशासन को सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अगर अभी स्कूल बंद करने की बात है तो यह फैसला सिर्फ स्कूल प्रशासन ही लेगा. इस बीच, छात्र के पिता इरशाद ने बताया कि उसका बेटा अपने साथ हुई घटना के बाद से बहुत व्यथित है और वह ठीक से सो नहीं पा रहा है.
इरशाद ने बताया कि उन्होंने रविवार को अपने बेटे को मेरठ ले जाकर उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया हालांकि उसकी रिपोर्ट सामान्य आई है, लेकिन अपने साथ हुई घटना से वह मानसिक रूप से बहुत परेशान है. उन्होंने कहा कि वह आरोपी शिक्षिका से किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहते. पुलिस इस मामले में जो कार्रवाई करना चाहती है, करे.
गौरतलब है कि गत शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के खब्बूपुर गांव में स्थित नेहा पब्लिक स्कूल का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कथित रूप से होमवर्क नहीं करने पर शिक्षिका तृप्ता त्यागी को दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र को उसके सहपाठियों से बुला-बुलाकर थप्पड़ लगवाते देखा गया था. वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक हलकों समेत तमाम वर्गों ने इसकी कड़ी निंदा की थी.
मामला तूल पकड़ने के बाद शनिवार को पीड़ित छात्र के परिवार की शिकायत के आधार पर शिक्षिका तृप्ता त्यागी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था. त्यागी ने अपने बचाव में कहा कि इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने के लिए वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है.
उसने दावा किया कि वीडियो छात्र के चाचा ने शूट किया था. हालांकि शिक्षिका ने माना कि छात्र को उसके सहपाठियों से थप्पड़ लगवाना गलत था, लेकिन उसे ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह दिव्यांग हैं और खड़े होकर उस छात्र तक पहुंचने में सक्षम नहीं थीं.
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