भारतीय हॉकी टीम के उपकप्तान हार्दिक सिंह ने इतिहास रच दिया है. उन्हें हॉकी का प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया है. वहीं इस सम्मान के बाद टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने कहा कि उनकी मेहनत रंग लाई है. अपने करियर में कभी कोताही बरतने और खराब फॉर्म के कारण टीम इंडिया से बाहर होने वाले हार्दिक ने अपनी मेहनत के दम पर शानदार वापसी की और टीम के उपकप्तान बने. उनके कमाल के फॉर्म को देखते हुए हार्दिक को मार्च में पांचवें हॉकी इंडिया सालाना पुरस्कारों में वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का बलबीर सिंह सीनियर पुरस्कार मिला.
हार्दिक ने हॉकी इंडिया द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘ इस समय मैं खुश हूं कि दिन प्रतिदिन प्रदर्शन में सुधार आ रहा है और हर सत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रहा हूं. मैं 2017, 18 में अपने कम्फर्ट जोन में चला गया था जिससे खराब खेलने लगा और टीम से बाहर हो गया. मुझे वापसी के लिये खुद को रिसेट करना पड़ा. ’उन्होंने कहा, ‘एक खिलाड़ी को रोज कड़ी मेहनत करके अपना शत प्रतिशत हर अभ्यास सत्र में देना होता है. आराम से बाहर निकलकर खुद को चुनौतियां देनी होती है.’
टोक्यो ओलंपिक में भारत के कांस्य पदक अभियान के सूत्रधारों में से रहे हार्दिक चोट के कारण 2023 विश्व कप से बीच से ही बाहर हो गए. उन्होंने कहा, ‘विश्व कप मेरे लिये खुद को साबित करने का बड़ा मौका था. मैं अच्छा खेल भी रहा था लेकिन फिर चोट लग गई. मैं स्तब्ध था क्योंकि मैं टूर्नामेंट के लिये काफी मेहनत कर रहा था. ओलंपिक के बाद मेरा फोकस विश्व कप पर ही था. मैने बाहर से टीम की हौसला अफजाई की और सकारात्मक बने रहने की कोशिश की.’