Naag Diwali 2021: नाग दिवाली मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है. हिन्दू कैलेंडर का नौवां माह मार्गशीर्ष है. इस दिन नागों की विशेष पूजा की जाती है। इस साल ये तिथि देव दिवाली से बीस दिन बाद यानी 8 दिसंबर बुधवार को पड़ रही है. मान्यताओ के अनुसार इस दिन नागों की पूजा की जाती है जो पाताललोक के स्वामी है. इसी कारण नाग दिवाली उनके लिए विशेष रहता है. इस त्यौहार पर अपने-अपने घरो में रगं बिरंगी रंगोलिया बनाई जाती है.
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नाग दिवाली तिथि
पंचमी तिथि की शुरुआत : 7 दिसंबर 2021 को रात 11:40 बजे से
पंचमी तिथि का समापन : 8 दिसंबर 2021 को रात 9:25 मिनट बजे
राहुकाल 8 दिसंबर दोपहर 12:17 से 1:35 बजे तक.
क्या है पौराणिक मान्यता ?
नाग दीपावली (Naag Diwali 2021) पर नागों के पूजन का विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नागों को पाताललोक का स्वामी कहा जाता है. मान्यता है कि इस मौके पर घरों में रंगोली बनाकर नाग के प्रतीक के सामने दीपक लगाने से मनचाहा फल मिलता है. चमोली जिले के लोगों का मानना है कि नाग देवता के पूजन से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है. इनकी पूजा करने से कुंडली के कालसर्प दोष का पूरी तरह से निवारण हो जाता है. साथ ही जीवन में आ रही दुविधाओं से मुक्ति मिलती है.
उत्तराखंड के चमोली जिले के किसी गांव में नाग देवता का प्राचीन मंदिर (Naag Diwali 2021) है जो आज भी बड़ा रहस्यमय मंदिर है. यहां के स्थानीय लोगो का कहना है की मंदिर में नागमणि है और उस मणि की रक्षा नाग देवता स्वयं करते है जिस कारण नाग देव अपने मुह से लगातार फुफकार के सहारे अपना विष छोड़ते रहते है. ताकी जो कोई उस मणि को हाथ लगाऐ वह तुरंत मृत्यु को प्राप्त हो जाऐ. और कहा जाता है की इस मणि की रोशनी इतनी तेज है की व्यक्ति उसकी तेज रोशनी से अंधा हो जाता है.
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