गढ़वा : नदी में नहाने गये युवकों में एक डूबा, उसे बचाने में छह डूबे
गढ़वा के कांडी प्रखंड के डुमरसोता गांव में सोन नदी में डूबकर सात युवकों की मौत हो गयी. सभी मृतक डुमरसोता गांव के मिश्रा टोला के रहनेवाले थे. जानकारी के अनुसार, गांव के नौ युवक शनिवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे सोन नदी में नहाने गये थे. इनमें दो युवक पहले नहा कर नदी किनारे बैठ गये.
कांडी/हरिहरपुर/भवनाथपुर : गढ़वा के कांडी प्रखंड के डुमरसोता गांव में सोन नदी में डूबकर सात युवकों की मौत हो गयी. सभी मृतक डुमरसोता गांव के मिश्रा टोला के रहनेवाले थे. जानकारी के अनुसार, गांव के नौ युवक शनिवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे सोन नदी में नहाने गये थे. इनमें दो युवक पहले नहा कर नदी किनारे बैठ गये. वहीं सात युवक एक साथ नदी में नहाने उतरे. इन्हीं में से एक युवक आगे बढ़ गया.
थोड़ी देर में वह डूबने लगा. उसे डूबता देख नहा रहे गांव के छह युवक उसे बचाने के लिए उस और बढ़े. देखते ही देखते सातों युवक डूबने लगे. नदी किनारे बैठे दोनों युवकों की नजर इन लोगों पर पड़ी. कुछ देर तक उन दोनों ने इंतजार किया सभी के नदी से निकलने का. जब उक्त सभी सात युवक नदी में दिखायी नहीं पड़े तो दोनों गांव में दौड़ कर गये और ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी. जब तक गांववाले पहुंचते सभी सात युवक डूब चुके थे. गांव के आस-पास के गोताखाेर दोपहर एक बजे तक पांच शवों को निकाल चुके थे.
वहीं दो शव शाम को निकाले गये. इसी बीच रांची से एनडीआरएफ की 24 सदस्यीय टीम भी घटनास्थल पर पहुंची. इससे पहले ही ग्रामीण गोताखोर शवों को निकाल चुके थे. एक साथ सात युवकों की मौत से पूरा गांव रो पड़ा. वहीं अश्विनी दुबे का विवाह पिछले वर्ष ही हुआ था. उसकी पत्नी के क्रंदन से सबका कलेजा कांप गया. पुलिस ने शवों को गढ़वा भेज दिया. जानकारी के अनुसार रविवार को अंतिम संस्कार होगा. पदाधिकारियों पर बिफरे ग्रामीणघटनास्थल पर पहुंचे कांडी बीडीओ जॉन टुडू, मझिआंव सीओ राकेश सहाय, कांडी थाना प्रभारी राम अवतार, हरिहरपुर ओपी प्रभारी अर्जुन पासवान को ग्रामीणों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी.
अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को आश्वासन दिया कि आपदा प्रबंधन मद से चार लाख रुपये और अन्य सरकारी सहायता प्रदान की जायेगी. इसके बाद लोग शांत हुए. लॉकडाउन के कारण ब्रजेश, आलोक, नीरज व सुशील गांव में रह रहे थे मृत सात युवकों में से ब्रजेश सिंह सऊदी अरब में कार्य करते थे, जो दो माह पहले ही आये थे. वह सऊदी अरब जानेवाले थे, इसी बीच लॉकडाउन की घोषणा हो गयी. इस कारण वह गांव में रह रहे थे. वहीं आलोक मिश्रा व नीरज मिश्रा दोनों रांची में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. जबकि सुशील मिश्रा पटना में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. सभी लॉकडाउन के कारण गांव में रह रहे थे.