Nag Panchami 2022 Date: नाग पंचमी के दिन नाग देवता या सर्प देवता की विशेष पूजा की जाती है. इस पूजा में नाग देवताओं को दुध अर्पित करने का विधान है. नाग पंचमी के दिन महिलाएं अपने भाइयों तथा परिवार की सुरक्षा के लिये नाग देवता से प्रार्थना करती हैं और भक्ति भाव से उनकी आराधना करती हैं. धार्मिक रूप से सावन के महीने की पंचमी तिथि को नाग देवताओं के पूजन के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इस बार नाग पंचमी 2 अगस्त को है. (Nag Panchami 2022) जानें नाग पचंमी 2022 का शुभ मुहूर्त (Nag Panchami 2022 Shubh Muhurat), पूजा विधि और इस दिन का महत्व, मान्यताएं.
नाग पंचमी मंगलवार, 2 अगस्त 2022
नाग पंचमी पूजा मूहूर्त – 05:43 बजे सुबह से 08:25 बजे सुबह तक
अवधि – 02 घण्टे 42 मिनट्स
पंचमी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 02, 2022 को 05:13 बजे सुबह से
पंचमी तिथि समाप्त – अगस्त 03, 2022 को 05:41 बजे सुबह
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इस व्रत के देव 12 नाग माने गए हैं. इस दिन में 12 नागों की पूजा की जाती है.
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व्रत करने वाले चतुर्थी के दिन एक बार भोजन करें और पंचमी के दिन उपवास करके शाम को भोजन करें.
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पूजा करने के लिए नाग चित्र या मिटटी की सर्प मूर्ति को लकड़ी की चौकी के ऊपर स्थान दें और फिर पूजा करें.
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नाग देवता को हल्दी, रोली (लाल सिंदूर), चावल और फूल अर्पित करें.
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अब कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें.
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पूजा के बाद आरती करें.
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पूजा के अंत में नाग पंचमी की कथा सुनें.
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नाग पंचमी के दिन इन बारह नागों की पूजा की जाती है, जानें…
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अनन्त
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वासुकि
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शेष
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पद्म
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कम्बल
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कर्कोटक
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अश्वतर
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धृतराष्ट्र
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शङ्खपाल
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कालिया
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तक्षक
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पिङ्गल
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पौराणिक हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सर्पों को पौराणिक काल से ही देवता के रूप में पूजनीय माना गया है. नाग पंचमी के दिन नाग देव की विशेष पूजा का विशेष महत्व है. ऐसी भी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने वाले व्यक्ति को सांप के डसने का भय नहीं होता. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सर्पों को दूध से स्नान कराने और पूजन करने और दूध पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परम्परा है. ऐसा करने से घर नाग कृपा से सुरक्षित रहता है.