Nag Panchami 2023 Date: नाग पंचमी का पर्व नाग देवता को समर्पित होता है जो हर साल पूरे भारत में हर्षोल्लास से मनाया जाता है. इस दिन नाग देव का पूजन एवं व्रत किया जाता है. धार्मिक दृष्टि से सावन का महीना अत्यंत पावन होता है जो भगवान शिव को अति प्रिय है. इस माह में अनेक व्रत एवं त्यौहार होते है और इन्ही में से एक है नाग पंचमी का त्योहार.
पंचमी तिथि शुरु 21 अगस्त 2023 रात 12:20 मिनट शुरु
पंचमी तिथि समाप्त 22 अगस्त 2023 रात 2.00 मिनट समाप्त
इस दिन रुद्राभिषेक करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
जिन जातकों की कुंडली में काल सर्प दोष है उनके लिए इस दिन पूजा करना बड़ा महत्व रखता है.
कई लोगों तरक्की की राह पर आगे नहीं बढ़ पाते, ऐसा होता है काल सर्प दोष की वजह.
इस दिन चांदी के नाग-नागिन नदी में प्रवाहित करें.
सनातन धर्म में सर्प को पूजनीय माना गया है. नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है और उन्हें गाय के दूध से स्नान कराया जाता है. माना जाता है कि जो लोग नाग पंचमी के दिन नाग देवता के साथ ही भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करते हैं, उनके जीवन से कालसर्प दोष खत्म हो जाता है. साथ ही राहु और केतु की अशुभता भी दूर होती है. माना जाता है कि इस दिन घर के मुख्य द्वार पर अगर सर्प का चित्र बनाया जाए तो उस घर में नाग देवता की खास कृपा होती है और घर से लोगों के सभी दुख दूर हो जाते हैं.
-
नाग पंचमी पर प्रातः काल उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत होने के बाद सर्वप्रथम भगवान शिव का ध्यान करें.
-
इसके उपरांत व्रत एवं पूजा का संकल्प लेना चाहिए.
-
अब नाग-नागिन के जोड़े की प्रतिमा को गाय के दूध से स्नान कराएं.
-
दूध से स्नान करवाने के बाद अब जल से स्नान करवाएं.
-
स्नान करवाने के पश्चात नाग-नागिन की प्रतिमा का गंध, पुष्प, धूप और दीपक से पूजन करें.
-
इसके उपरांत नाग-नागिन की प्रतिमा को हल्दी, रोली, चावल और फूल भी अर्पित करें.
-
अब घी और चीनी मिला कच्चा दूध चढ़ाएं.
-
इसके बाद सच्चे मन से नागदेवता का ध्यान करते हुए उनकी आरती करें.
-
सबसे अंत में नाग पंचमी की कथा पढ़ें या सुनें.