गोरखपुर . गोरखपुर महानगर में बढ़ते कुत्तों की संख्या पर प्रभावी रोक लगाने के लिए गोरखपुर नगर निगम ने कार्य शुरू कर दिया है. गोरखपुर नगर निगम पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत बेंगलुरु और पुणे से फर्मों को बुलाया है. नगर निगम इन फर्मों को बंध्याकरण का काम देगा. जो कुत्तों का बंध्याकरण करने का काम करेंगे. जिसके बाद नगर निगम 14 दिन के लिए कुत्तों को आश्रय घर में रखेगा बाद में उन्हें पुरानी जगह पर छोड़ देगा. नगर निगम ने आश्रय घर बनाने के लिए जमीन की तलाश भी शुरू कर दी है. जल्द ही जगह चिन्हित कर कुत्तों के लिए बनाए जाएंगे आश्रय घर.
गोरखपुर महानगर में आतंक का पर्याय बन चुके हैं कुत्तों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए नगर निगम ने प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. महानगर में कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मुख्य मार्गों से लेकर गलियों तक दर्जनों की संख्या में कुत्तें हमेशा मौजूद रहते हैं और रात में चलने वाले राहगीरों के लिए ये कुत्तें परेशानी बन जाते हैं. कई बार तो रात में पैदल और बाइक सवारों को ये दौड़ा लेते हैं, जिससे कई बार बाइक सवारों का एक्सीडेंट भी हो जाता है.
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रात में राहगीर इन कुत्तों का शिकार हो जाते हैं जिसके बाद उन्हें इलाज कराना पड़ता है .नगर निगम लंबे समय से कुत्तों के बंध्याकरण की शुरुआत का प्रयास कर रहा है. लेकिन फर्मों के रुचि न लेने के कारण काम आगे नहीं बढ़ सका. जिसके बाद नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बेंगलूर और पुणे के फर्मों से बात की है. वहीं इस मामले में नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि गोरखपुर महानगर में कुत्तों की बढ़ती संख्या चिंता की बात है इसका समाधान कराया जाएगा. बंध्याकरण के लिए पुणे और बेंगलुरु की फर्म से बात चल रही है जल्द ही EOI आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कुत्तों के आश्रय घर के लिए जमीन भी नगर निगम जल्द ही चिन्हित कर लेगा.
रिपोर्ट – कुमार प्रदीप,गोरखपुर