गंगा नदी को अविरल बनाने के लिए कोलकाता में कई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे पीएम मोदी

PM Modi in West Bengal: इनकी लागत 1585 करोड़ रुपये है. इन परियोजनाओं से पश्चिम बंगाल में 190 एमएलडी की नई सीवर उपचार क्षमता जुड़ जायेगी. इन परियोजनाओं से उत्तर बैरकपुर, हुगली-चुंचुड़ा, कोलकाता नगर निगम क्षेत्र – गार्डनरीच व आदि गंगा (टॉली नाला) और महेशतला टाउन को लाभ मिलेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2022 9:24 PM

PM Modi in West Bengal: देश में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने की एक और पहल के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को आईएनएस नेताजी सुभाष में होने वाली राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे. जानकारी के अनुसार, उक्त बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल में गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए लगभग 2550 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात देंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत विकसित सात सीवर अवसंरचना परियोजनाओं (20 सीवर उपचार संयंत्रों और 612 किलोमीटर के सीवर नेटवर्क) का उद्घाटन करेंगे. इनकी लागत 990 करोड़ रुपये से अधिक की है.

बंगाल की इन निकायों को होगा लाभ

इन परियोजनाओं से नवद्वीप, कांचरापाड़ा, हलीशहर, बज-बज, बैरकपुर, चंदननगर, बांसबेड़िया, उत्तरपाड़ा कोतरंग, बैद्यबाटी, भद्रेश्वर, नैहाटी, गारूलिया, टीटागढ़ और पानीहाटी के निकायों को लाभ होगा. ये परियोजनाएं पश्चिम बंगाल में 200 एमएलडी की सीवर उपचार क्षमता बढ़ा देंगी. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत विकसित होने वाली पांच सीवर अवसंरचना परियोजनाओं (आठ सीवर उपचार संयंत्रों और 80 किलोमीटर सीवर नेटवर्क) की आधारशिला भी रखेंगे. इनकी लागत 1585 करोड़ रुपये है. इन परियोजनाओं से पश्चिम बंगाल में 190 एमएलडी की नई सीवर उपचार क्षमता जुड़ जायेगी. इन परियोजनाओं से उत्तर बैरकपुर, हुगली-चुंचुड़ा, कोलकाता नगर निगम क्षेत्र – गार्डनरीच व आदि गंगा (टॉली नाला) और महेशतला टाउन को लाभ मिलेगा.

राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में किन-किन मुद्दों पर होगी चर्चा

बताया गया है कि राष्ट्रीय गंगा परिषद को गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण की रोकथाम तथा उनकी अविरलता का दायित्व दिया गया है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक के दौरान बंगाल में गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए नये उपायाें पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही बैठक में गंगा नदी से वित्तीय उपार्जन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी. इसके अलावा कृषि क्षेत्र में गंगा की उपयोगिता को बढ़ाने के संबंध में भी चर्चा होने की संभावना है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उक्त बैठक में स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) और सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम का कार्यान्वयन, इसमें गंगा नदी बेसिन में प्रदूषण को रोकने और विभिन्न गतिविधियों जैसे कि वनस्पति में सुधार, जल प्रवाह की निरंतरता सुनिश्चित करने की पहल, सतह के प्रवाह और भूजल को बहाल करने और बनाए रखने, क्षेत्र की जलीय और तटीय जैव विविधता के संरक्षण से संबंधित विषयों पर चर्चा की जाएगी.

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इन मुद्दों पर पीएम से बात करना चाहतीं हैं ममता बनर्जी

राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में गंगा-पद्मा नदी में हो रहे कटाव की घटना पर भी बातचीत करेंगी. इसे लेकर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र देकर सूचित किया है. बताया गया है कि गंगा-पद्मा नदी में लगातार कटाव के कारण मुर्शिदाबाद सहित अन्य जिलों में नदी के किनारे वाले गांवों में स्थिति भयावह होती जा रही है. बताया जा रहा है कि अब तक कई गांव नदी में समा गए हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इससे पहले भी केंद्र सरकार को पत्र देकर इस ओर ध्यान देने की अपील की थी.

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मनरेगा के तहत केंद्र पर राज्य का बकाया 7500 करोड़ रुपये

बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मनरेगा के तहत बकाया फंड की मांग को भी उठाएंगी. मनरेगा के तहत केंद्र सरकार पर राज्य सरकार का बकाया बढ़ कर 7500 करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें से 2400 करोड़ रुपया मनरेगा के श्रमिकों के वेतन से संबंधित है. संयोग से, शुक्रवार को होने वाली इस बैठक में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह भी मौजूद रहेंगे. बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री से मनरेगा के तहत बकाया फंड का जल्द से जल्द भुगतान करने की मांग कर सकती हैं.

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