नारद स्टिंग केस में गिरफ्तार तृणमूल के मंत्री, विधायक और पूर्व नेता को कलकत्ता हाइकोर्ट से नहीं मिली बेल
तृणमूल के दो मंत्रियों, विधायक, एक पूर्व नेता की याचिकाओं पर कलकत्ता हाइकोर्ट में सुनवाई हुई.
कोलकाता : नारद स्टिंग ऑपरेशन कांड में गिरफ्तार किये गये पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के दो मंत्रियों (फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी) के अलावा तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक मदन मित्रा और एक पूर्व नेता शोभन चटर्जी की गिरफ्तारी पर बुधवार (19 मई) को सुनवाई की. इस मामले में गुरुवार (20 मई) को दोपहर 2 बजे से फिर सुनवाई होगी.
तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों और एक विधायक तथा पार्टी के एक पूर्व नेता की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने यह आदेश दिया. तृणमूल नेताओं एवं एक पूर्व नेता ने अपनी गिरफ्तारी पर लगी रोक के आदेश को निरस्त करने संबंधी हाइकोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था. इस मामले में सीबीआई ने 53 पेज की चार्जशीट फाइल की थी.
सीबीआई अदालत ने प्रदेश के मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पूर्व नेता शोभन चटर्जी को सोमवार को गिरफ्तारी के बाद जमानत दे दी थी. लेकिन, कलकत्ता हाइकोर्ट ने उनकी जमानत आदेश पर उसी दिन रोक लगा दी थी.
तृणमूल नेताओं के वकीलों ने एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेश बिंदल की अगुवाई वाली पीठ के सामने इस विषय पर मंगलवार को मेंशन किया. जस्टिस बिंदल और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की पीठ ने उन्हें आदेश वापस लेने संबंधी याचिकाओं को दायर करने की मंजूरी दे दी थी. वहीं, सीबीआई ने नारद स्टिंग मामले की सुनवाई को ट्रांसफर करने की मांग की थी.
Narada-CBI case: Hearing in stay on bail petitions of the four TMC leaders to be continue tomorrow at 2pm.
— ANI (@ANI) May 19, 2021
2014 में हुआ था नारद स्टिंग?
नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने वर्ष 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक जैसी शक्ल के लोग लाभ के बदले में एक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आये थे. ये टेप वर्ष 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से महज कुछ पहले सार्वजनिक किये गये थे. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मार्च 2017 में इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
Posted By: Mithilesh Jha