Bihar News: जमुई को नक्सलमुक्त क्षेत्र बनाने में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की बड़ी भूमिका, जानें प्रयास
बिहार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का निधन हो गया. उनके देहांत के बाद अब जमुइ के लोग उनके योगदान को याद करते हैं. नरेंद्र सिंह के प्रयास से नक्सलियों पर नकेल कसा गया. वहीं उनके विकास कार्याें को भी याद किया जा रहा है.
Bihar News: जमुई जिला को विकास के मानचित्र पर लाने के साथ-साथ नक्सल मुक्त बनाने में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का कार्यकलाप सदैव स्मरणीय रहेगा. जिला को नक्सल मुक्त बनाने को लेकर कई स्थानों पर एसएसबी, सीआरपीएफ कैंप स्थापित कराने का काम किया. उन्होंने जिला में स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, सिंचाईं, आवागमन व्यवस्था को सुदृढ़ करने में हमेशा ही कार्य किये.
जमुई को जिला का दर्जा दिलवाया
पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के द्वारा किया गया सामाजिक कार्य भी अतुलनीय है. इसे लेकर जेपी सेनानी शिवनंदन सिंह, समाजवादी नेता शंकर पासवान सहित दर्जनों लोग बताते हैं कि नरेंद्र सिंह देश-प्रदेश के प्रखर नेता थे, कुशल वक्ता थे, सामाजिक व्यक्तित्व थे, विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. उनके निधन से राजनैतिक गलियारा में अपूर्णीय क्षति हुआ है. इन्हें जमुई जिला से काफी लगाव रहा और इस वजह से उन्होंने जमुई को विकास के मानचित्र पर लाने को लेकर सदैव कार्य किया. इनके सौजन्य से वर्ष 1991 में जमुई को जिला का दर्जा हासिल हो सका.
नरेंद्र सिंह ने जमुई में विकास कार्य किये
नरेंद्र सिंह को याद करते हुए लोग बताते हैं कि उन्होंने सौ बेड का सदर अस्पताल, इंजीनियरिंग, पोलिटेक्निक कॉलेज, आईटीआई कॉलेज, जेल का नया भवन, जमुई मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल सहित दर्जनों पुल-पुलिया और सड़क बनवाने का काम किया जिसका अच्छा असर देखने को मिल रहा है. एक समय ऐसा भी आया था कि जिला भर के लोग नक्सलियों के भय के साये में रहते थे.
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दर्जनों स्थानों पर पुलिस कैंप लगवाने का काम
नरेंद्र सिंह ने नक्सली मामले को गंभीरता से समझते हुए जिला में दर्जनों स्थानों पर पुलिस कैंप लगवाने का काम किया और आज जिला भर के लोग सुकुन महसूस कर रहे हैं. इस जिला से करीब-करीब नक्सलियों का खात्मा हो चुका है.
सोमवार को नरेंद्र सिंह का निधन
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का निधन सोमवार को हो गया. लंबे समय से बीमारी से जूझने के बाद उन्होंने 4 जुलाई को पटना के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली. उनके निधन के बाद पूरे बिहार में शोक की लहर फैल गयी. सियासी गलियारे में भी उनके साथी उन्हें याद करते रहे. वहीं जमुई स्थित उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार करने की तैयारी की गयी.
Published By: Thakur Shaktilochan