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NASA चीफ का भारत दौरा, ISRO में छात्रों और प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा से की मुलाकात

NASA Administrator Bill Nelson Meets Rakesh Sharma, First Indian To Fly To Space - अपना यह अनुभव सोशल मीडिया एक्स पर साझा करते हुए नासा एडमिनेस्ट्रेटर ने कहा- अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा के साथ आज बेंगलुरु में छात्रों के साथ बात करना एक बड़ा सम्मान था.

By Rajeev Kumar | November 30, 2023 10:35 AM
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NASA Chief In India : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक बिल नेल्सन इन दिनों भारत के दौरे पर हैं. वह यहां भारतीय वैज्ञानिकों से मुलाकात कर रहे हैं. इसके साथ ही, वे नासा और इसरो के बीच चल रहे मिशन के बारे में भी बात कर रहे हैं. इस बीच, उन्होंने अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा से भी मुलाकात की. अपना यह अनुभव सोशल मीडिया एक्स पर साझा करते हुए नासा एडमिनेस्ट्रेटर ने कहा- अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा के साथ आज बेंगलुरु में छात्रों के साथ बात करना एक बड़ा सम्मान था. उनकी कहानी प्रेरणादायक है.

आज से लगभग 40 साल पहले अंतरिक्ष में जा चुके भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा भले ही भारत में गुमनाम हों, लेकिन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा आज भी उनको याद करती है. यही वजह से कि भारत दौरे पर आये नासा चीफ बिल नेल्सन ने राकेश शर्मा से मुलाकात की. नेल्सन पहले भी बता चुके है कि नासा लगातार राकेश शर्मा के संपर्क में हैं और वो उनसे बातचीत करते रहते हैं.

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अंतरिक्ष जानेवाले पहले भारतीय हैं राकेश शर्मा

राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला जिले में हुआ था. स्पेस में जाने से पहले राकेश शर्मा एयरफोर्स में पायलट थे. उन्होंने 1970 में एयरफोर्स जॉइन की थी. 1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़े गए युद्ध में राकेश शर्मा ने मिग-21 से 21 फाइटर मिशंस पूरे किये. राकेश शर्मा 2 अप्रैल, 1984 को बाहरी अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय नागरिक बन गए. जब भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा से पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो शर्मा ने कहा- सारे जहां से अच्छा. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में सबसे खूबसूरत पल सूर्योदय और सूर्यास्त थे. शर्मा ने कई वैज्ञानिक अध्ययन और प्रयोग किये, जिनमें रिमोट सेंसिंग और बायोमेडिसीन भी शामिल था.

चंद्रयान 3 की चांद पर सेफ लैंडिंग पर कही थी यह बात

राकेश शर्मा को 1882 में सोवियत-भारतीय स्पेस मिशन के लिए चुना गया था. उन्होंने मॉस्को के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में स्पेस की ट्रेनिंग ली. इसके बाद उन्होंने दो सोवियत कॉस्मोनॉट्स गेनाडी सट्रेकालोव और यूरी माल्यशेव के साथ स्पेस यात्रा की. वह सोयज टी11 एयरक्राफ्ट से स्पेस में गये. उन्होंने अंतरिक्ष में 7 दिन 21 घंटा और 40 मिनट बिताये थे. उन्हें इस मिशन के लिए हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन का खिताब दिया गया. इस साल जब पूरा देश चंद्रयान 3 की चांद पर सेफ लैंडिंग का इंतजार कर रहा था तब राकेश शर्मा का बयान सामने आया. उन्होंने कहा था कि इसरो के काम करने के तरीके को जानने के बाद मैं गर्व से कह सकता हूं कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब होगा. राकेश शर्मा ने कहा था कि पिछले 40 साल में सीमित संसाधनों के बावजूद इसरो ने शानदार काम किया है, जिससे दुनिया हैरान है.

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