दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं. एक्टर ने अपने फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी है. अब एक्टर ने एक इंटरव्यू में कहा, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री कभी भी चुनौतियों का सामना करने और समस्याओं से निपटने में आगे नहीं रहा है. उन्होंने पूछा कि क्या कोई राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों पर फिल्म बनाएगा. बता दें कि नसीरुद्दीन भारतीय जनता पार्टी के मुखर आलोचक रहे हैं और पहले भी उनके बयानों को लेकर विवाद हुआ है.
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि “महत्वपूर्ण मुद्दों पर मौन” रहने का हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का रुख कोई नया नहीं है. एक्टर को भारतीय सिनेमा में सबसे सम्मानित कलाकारों में से एक माना जाता है. वह जी5 की फिल्म “ताज: रीन ऑफ रिवेंज” में बादशाह अकबर की भूमिका निभा रहे हैं. अभिनेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए इंटरव्यू में कहा, “नफरत का माहौल इसे और खराब करता है, मजबूत बनाता है और इसलिए ये हो रहा है. ऐसे में सभी डरे हुए हैं. ऐसा नहीं है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री किसी भी स्तर पर विशेष रूप से राजनीतिक या सामाजिक रूप से जागरूक है. पहले के. ए. अब्बास और वी. शांताराम जैसे फिल्मकार होते थे, उनकी फिल्म बहुत प्रगतिशील होती थीं.”
उन्होंने कहा, “लेकिन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने कब चुनौतियों का सामना किया है और एक ऐसे विषय पर अपनी बात रखी है, जिसपर बोलने की मांग की जा रही है? क्या कोई इन महिला पहलवानों पर फिल्म बनाएगा, जो हमारे लिए पदक लेकर आईं…? क्या कोई फिल्म बनाने की हिम्मत करेगा? क्योंकि वे अंजाम से डरे हुए हैं. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप्पी साधना कोई नयी बात नहीं है, वह हमेशा से ऐसा ही करता आया है.”