National Farmers Day: आधुनिक खेती में कैसे कारगर है एआई और ड्रोन टेक्नोलॉजी?
Farmer’s Day 2023 - जमाना बदलने के साथ खुती किसानी में भी काफी बदलाव आया है. आज के समय में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी विकसित तकनीक का इस्तेमाल होने लगा है.
National Farmer’s Day 2023 : आज राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmer’s Day) है. इस दिन को किसान सम्मान दिवस (Kisan Samman Diwas) के नाम से भी जाना जाता है. भारत में 23 दिसंबर को किसान सम्मान दिवस मनाया जाता है. यह दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) के जन्मदिन का प्रतीक है. चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे. राष्ट्रीय किसान दिवस (Rashtriya Kisan Diwas) पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 23 दिसंबर को मनाया जाता है. उन्हें भारत के पांचवें प्रधानमंत्री और पूरे देश में किसानों के उत्थान के लिए उनके योगदान के लिए याद किया जाता है. वह एक किसान नेता (Farmer Leader) थे और भारत में किसानों के जीवन में सुधार सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने विभिन्न नीतियां पेश कीं थीं.
कृषि में ड्रोन और एआई जैसी विकसित तकनीक का इस्तेमाल
जमाना बदलने के साथ खुती किसानी में भी काफी बदलाव आया है. आज के समय में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी विकसित तकनीक का इस्तेमाल होने लगा है. हालांकि यह सब कुछ अभी प्रारंभिक चरण में ही है, लेकिन खेतों की पैदावार बढ़ाने और किसान भाइयों की आजीविका बढ़ाने में मदद मिलेगी, वहीं खेती की लागत में भी कमी आयेगी.
नयी तकनीक अपनाकर किसान बन रहे सक्षम और समर्थ
एआई और ड्रोन ऐसी भविष्योन्मुखी तकनीकें हैं, जो कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकती हैं. कृषि क्षेत्र में कीटाणुनाशक दवाओं के छिड़काव और अन्य गतिविधियों में ड्रोन का उपयोग पहले से हो रहा है, लेकिन सरकार और निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से इनके उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है. कृषि तकनीक समाधान मुहैया करानेवाली कंपनियां किसानों को नये-नये समाधानों से सुसज्जित कर उनको समर्थ एवं सक्षम बना रही हैं.
फसल को बीमारियों, कीट-पतंगों से बचाने में कारगर तकनीक
ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के क्रियान्वयन से किसान वैश्विक बाजार की स्पर्द्धा का सामना करने के साथ-साथ खेती-बाड़ी की कार्य-कुशलता को भी सुधार पाएंगे. ये तकनीकें फसल की बीमारियों की पहचान और कीट-पतंगों के हमले का पूर्वानुमान करने के साथ-साथ खाद के कुशल उपयोग और जल प्रबंधन में भी सहायक हैं. इन तकनीकों की सहायता से किसान तात्कालिक आंकड़ों के बूते विवेकपूर्ण निर्णय लेकर फसल की बेहतर योजना बना सकते हैं.