सिवान में राष्ट्रीय ध्वज का हुआ अपमान, अशोक चक्र की जगह उर्दू में लिखा सरकार की आमद मरहबा
सिवान से सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि जुलूस में शामिल लोग तरह-तरह के झंडों को अपने अपने हाथों में लेकर जुलूस में शामिल है. इसी जुलूस के दौरान एक युवा भारत के राष्ट्रीय ध्वज को अपमानित करते हुए भी दिख रहा है.
सीवान में राष्ट्रीय ध्वज के साथ छेड़छाड़ करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में ध्वज से अशोक चक्र हटा कर उसकी जगह दो तलवार के चित्र बने हुए हैं. इन तलवारों के बीच उर्दू में ”सरकार की आमद मरहबा” लिखा गया है. वायरल वीडियो नगर पंचायत हसनपुरा अरंडा का बताया जा रहा है.
अशोक चक्र की जगह तलवार और उर्दू में लिखा
वायरल वीडियो के बारे में बताया जा रहा है कि रविवार को हसनपुरा में मोहम्मद पैगंबर के जन्म दिन के अवसर जुलूस निकाली गयी थी. जिसमें जुलूस के बीच युवकों द्वारा यह ध्वज फहराया जा रहा था. जिसमें अशोक चक्र की जगह तलवार और उर्दू में लिखा हुआ था. वीडियो वायरल होने के पश्चात यह मामला काफी तूल पकड़ लिया है. सभी के जुबान पर एक ही बात की चर्चा है कि जुलूस में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है.
मामले की जांच करायी जा रही
वहीं तस्वीरों में भी देखा जा सकता है कि जुलूस में शामिल लोग तरह-तरह की झंडों को अपने अपने हाथों में लेकर जुलूस में शामिल है. इसी जुलूस के दौरान एक युवा भारत के राष्ट्रीय ध्वज को अपमानित करते हुए दिख रहा है. जिसमें ध्वज से अशोक चक्र निकाल कर दो धारी तलवार नुमा चित्र और उर्दू में सरकार की आमद मरहबा अंकित किया गया है. इस मामले में एसपी शैलेस कुमार सिंहा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच करायी जा रही है. प्रभात खबर इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
इंडियन फ्लैग कोड
इंडियन फ्लैग कोड के नियमों के मुताबिक, राष्ट्रीय ध्वज में किसी तरह की तस्वीर, पेंटिंग या फोटोग्राफ का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. झंडा फटा हुआ या मैला भी नहीं होना चाहिए. ध्वज के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ या फिर इसे झुका कर नहीं रखना चाहिए. तिरंगा फहराने वाली जगह सबसे ऊंची होनी चाहिए. जिस भी खंभे या स्तंभ पर झंडा लगा हो उस पर किसी तरह का विज्ञापन नहीं होना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए भी नहीं किया जा सकता है.