16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट कर रही मैकेनिक का काम, पिता की मौत के बाद संभाला परिवार

हिसार (हरियाणा) : 22 साल की सोनी. हाथ में औजार और काम रोडवेज बसों की मरम्मत. देखने वाले हैरान रह जाते हैं. कम ही लोग जानते हैं कि सिर से पिता का साया उठने के बाद से वही आठ भाई-बहनों के परिवार का सहारा है. जो जानते हैं, उसके हौसले की सराहना करते नहीं थकते.

हिसार (हरियाणा) : 22 साल की सोनी. हाथ में औजार और काम रोडवेज बसों की मरम्मत. देखने वाले हैरान रह जाते हैं. कम ही लोग जानते हैं कि सिर से पिता का साया उठने के बाद से वही आठ भाई-बहनों के परिवार का सहारा है. जो जानते हैं, उसके हौसले की सराहना करते नहीं थकते.

सोनी हिसार डिपो में मैकेनिकल हेल्पर है. पिता का गत वर्ष 27 जनवरी को बीमारी से निधन हो गया था. मां मीना देवी गृहिणी हैं. पिता की मौत से पूरा परिवार गम में डूब गया. आगे कौन सहारा देगा, यह चिंता थी. तभी भाई-बहनों में तीसरे नंबर की सोनी आगे आई. पिता की मृत्यु के पांच दिन बाद ही उसने हिसार डिपो में मैकेनिकल हेल्पर की नौकरी शुरू कर दी. आज वह पूरे परिवार का सहारा है.

इतना ही नहीं, सोनी मार्शल आर्ट के पेंचक सिलाट गेम की भी बेहतरीन खिलाड़ी रह चुकी हैं. वह राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार तीन बार स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. सोनी को खेल कोटे के तहत ही हिसार डिपो में नौकरी मिली. पेंचक सिलाट मार्शल आर्ट की सबसे सुरक्षित रूप है, क्योंकि इसमें प्रतिभागियों को प्रतिद्वंद्वियों के चेहरे पर हिट करने की अनुमति नहीं होती है.

Also Read: आठ फेरे लिये तब अंतरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी बजरंग की हुई संगीता पहलवान

पिता का सपना था कि बेटी खिलाड़ी बने. उनके कहने पर ही सोनी ने वर्ष 2016 में खेलना शुरू किया था. तीन बार लगातार स्वर्ण पदक भी जीते. दरअसल, सोनी ने शुरू में अपने गांव राजली में कबड्डी खेलना शुरू किया था. फिर सहेली सोनिया की प्रेरणा से पेंचक सिलाट खेलना शुरू किया. कुछ दिन बाद तो पदक जीतना भी शुरू कर दिया.

Posted By: Amlesh Nandan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें