राष्ट्रीय जूट महोत्सव में बोले मंत्री आलमगीर आलम, जूट की फैक्ट्री से रुकेगा पलायन, लोगों को मिलेगा रोजगार
झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, जेसीआई के सीएमडी अजय कुमार व डीसी वरुण रंजन ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत जूट से जुड़े रोजगार को शुरू करने के लिए तीन लोगों के बीच 50-50 हजार रुपये का लोन स्वीकृत कर उन्हें प्रमाण पत्र वितरित किया.
पाकुड़, रमेश भगत. राष्ट्रीय जूट महोत्सव के 3 दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने रानी ज्योतिर्मयी स्टेडियम में किया. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड में विशेषकर संथाल परगना के इलाके में कोई उद्योग नहीं है. सिर्फ पत्थर की खदान को छोड़कर रोजगार का कोई साधन नहीं है. रोजी-रोजगार के लिए स्थानीय लोग बाहर जाने के लिए मजबूर हैं. जूट का मिल पाकुड़ में लगाया जाए, ताकि लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सके. इसके लिए हमने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और जेएसएलपीएस के अधिकारियों से बात की. परिवर्तन लाने की दिशा में काम शुरू हो रहा है. जूट की फैक्ट्री बैठाकर स्थानीय लोगों को रोजगार देने का काम होगा.
तीन एमओयू किये गये साइन
कार्यक्रम के दौरान जेएसएलपीएस और इंडियन जूट इंडस्ट्रीज रिसर्च एसोसिएश(इजिरा) के बीच एमओयू साइन किया गया. इसमें दोनों संस्थाएं साथ मिलकर पाकुड़ में बनने वाली जूट फैक्ट्री की डीपीआर तैयार करेंगे. दूसरा एमओयू जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया(जेसीआई) और जेएसएलपीएस से जुड़ी पाकुड़ की चास हाट फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के बीच किया गया. इसमें चास हाट से जुड़ी दीदियां जेसीआई से उन्नत बीज सब्सिडी दर पर प्राप्त कर सकेंगी. जूट उत्पादन के लिए जरूरी मशीन ले सकेंगी और किसानों से जूट की खरीदारी कर जेसीआई को बेच सकेंगी. तीसरा एमओयू महिला स्वावलंबन समिति, साहिबगंज और जेसीआई के बीच किया गया. इसमें भी दूसरे एमओयू की तरह प्रावधान है.
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परिसंपत्तियों का किया गया वितरण
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, जेसीआई के सीएमडी अजय कुमार व डीसी वरुण रंजन ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत जूट से जुड़े रोजगार को शुरू करने के लिए तीन लोगों के बीच 50-50 हजार रुपये का लोन स्वीकृत कर उन्हें प्रमाण पत्र वितरित किया. जूट से जुड़ा रोजगार शुरू करने के लिए मशीन की जरूरत होती है, जिसकी कीमत करीब 25 हजार रुपये होती है. इस दौरान जेएसएलपीएस से जुड़ी सखी मंडल समूहों के बीच महिला स्वावलंबन योजना के तहत 10 ट्रैक्टरों का वितरण किया गया. मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत कुल 407 रजिस्ट्रेशन किया गया. प्रतीकात्मक रूप से 3 अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति पत्र वितरण किया गया.
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जूट से बनी गांधीजी की प्रतिमा रही आकर्षण का केंद्र
जूट महोत्सव के दौरान कई आर्ट क्राफ्ट ने लोगों को आकर्षित किया. इस दौरान जूट से बनी महात्मा गांधी की प्रतिमा और जूट से तैयार किया गया रिक्शा भी आकर्षण का केंद्र रहा. इसके अलावा सेल्फी प्वाइंट बनाया गया था, जहां लोगों ने जमकर सेल्फी ली. जिला कृषि कार्यालय के द्वारा लगाये गये स्टॉल में शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की आकर्षक आकृति बनाई गई थी. इसने लोगों को काफी आकर्षित किया.
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किसानों को मिलेगा तकनीकी प्रशिक्षण
जूट कॉरपॉरेशन ऑफ इंडिया के सीएमडी अजय कुमार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में जूट की खेती की विस्तृत जानकारी नहीं थी, लेकिन काफी जानकारी मिल रही है. झारखंड में 1 लाख 75 हजार क्विंटल जूट का उत्पादन हर साल होता है. राष्ट्रीय जूट महोत्सव में कृषि विज्ञान, बीज, मशीन और अन्य तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा. इससे किसानों को बेहतर तरीके से जूट की खेती की जानकारी दी जाएगी, ताकि जूट का उत्पादन बढ़ाया जा सके. डीसी वरुण रंजन ने कहा कि पाकुड़ जिले की लगभग 5000 से अधिक किसानों को जूट उत्पादन से जोड़ा जा रहा है. किसानों को जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की मदद से हाईब्रिड बीज व जूट उत्पादन बढ़ाने को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस रोजगार मेला के माध्यम से पाकुड़ एवं साहिबगंज जिला के किसानों को जूट उत्पादन का उचित मूल्य उपलब्ध होगा.
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