National Mango Day आज, जानें भारत में क्या है आम का इतिहास

आम दिवस का मुख्य उद्देश्य भारतीय आम की महत्वपूर्णता को जागृत करना है और इसे विश्वस्तरीय आम उत्पादन देश बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है. आम शब्द मलायन शब्द "मन्ना" से आया है, और इस फल के बीज एशिया से दुनिया के कई अन्य क्षेत्रों में फैल गए.

By Shradha Chhetry | July 22, 2023 1:24 PM
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आम दिवस भारत में हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है. यह दिन आम के महत्व को मान्यता देने और इसे बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. आम दिवस का मुख्य उद्देश्य भारतीय आम की महत्वपूर्णता को जागृत करना है और इसे विश्वस्तरीय आम उत्पादन देश बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है. इस दिन आम के विभिन्न प्रकारों की प्रदर्शनी, आम के उत्पादन के बारे में जानकारी, आम से बने विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी और आम से बने व्यंजनों का स्वादानुभव किया जाता है.

क्या है आम का इतिहास
आम का इतिहास कई हजार साल पुराना है. माना जाता है कि भारत में आम की खेती 5000 साल पहले की गई थी. आम शब्द मलायन शब्द “मन्ना” से आया है, और इस फल के बीज एशिया से दुनिया के कई अन्य क्षेत्रों में फैल गए, जिससे वहां उनकी उपस्थिति स्थापित हो गई. भारत में आम को प्यार और दोस्ती के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है, और सदियों से लोक उपचार में इसकी पत्तियों, छाल, त्वचा, गुठली और मांस का उपयोग किया जाता है. आम का संबंध काजू और पिस्ता से भी है, ये सभी एनाकार्डियासी परिवार से संबंधित हैं.

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दिल्ली सरकार ने रखा था प्रस्ताव

भारत में आम दिवस को आयोजित करने का प्रस्ताव पहली बार दिल्ली में सरकार द्वारा उठाया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य भारत में आम के उत्पादन को बढ़ावा देना था. यह एक सांस्कृतिक और ग्रामीण प्रदर्शनी के रूप में शुरू हुआ था जिसमें आम के फलों की प्रदर्शनी और बिक्री होती है. इससे आम के उत्पादकों को अधिक मार्केटिंग और उनके फसल के लाभ को मिलता है. केरल के कन्नूर जिले के कन्नपुरम को ‘स्वदेशी मैंगो हेरिटेज एरिया’ घोषित किया गया है.

आम के प्रमुख किस्म

भारत में आम की किस्मे भी अनगिनत हैं. सभी किस्मों की अपनी अपनी खुशबू हैं और सबके अपने अपने स्वाद हैं. यहां तक कि रूप और रंग भी अलग हैं. इन्हीं खुशबुओं, स्वाद और रूप रंगों से आम की किस्में पहचानी जाती हैं. कुछ प्रमुख प्रकार और उनके उत्पादन के राज्यों का विवरण है.

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1. लंगड़ा आम: यह आम उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में पाया जाता है. इसका छिलका हल्का हरा होता है और इसका रसीला और मीठा स्वाद होता है.

 2. दसहरी आम: यह आम उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद और लखनऊ के आस-पास पाया जाता है. इसका छिलका सफेद होता है और इसका रसीला और मीठा स्वाद होता है.

 3. अल्फांसो आम: यह आम महाराष्ट्र के रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में पाया जाता है. इसका छिलका पीला होता है और इसका रसीला और मीठा स्वाद होता है. इसे “हापुस” के नाम से भी जाना जाता है.

 4. केसर आम: यह आम गुजरात के गिरनार और जूनागढ़ के आस-पास पाया जाता है. इसका छिलका पीला होता है और इसका रसीला और थोड़ा सा खट्टा स्वाद होता है.

5. तोतापुरी आम: यह आम आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में पाया जाता है. इसका छिलका पीला होता है और इसका रसीला और खट्टा स्वाद होता है. इसका आकार लंबा होता है, जिसके कारण इसे “तोतापुरी” के नाम से भी जाना जाता है.

 6. सफेदा आम: यह आम पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पाया जाता है. इसका छिलका सफेद होता है और इसका रसीला और थोड़ा सा खट्टा स्वाद होता है.

 7. चौसा आम: यह आम बिहार के भागलपुर और बांका के आस-पास पाया जाता है. इसका छिलका पीला होता है और इसका रसीला और मीठा स्वाद होता है.

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आम उत्पादन में ये राज्य सबसे आगे

आम उत्पादन के मामले में यूपी जहां सबसे आगे है तो वहीं उसके बाद दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है. जहां कुल 20.04 प्रतिशत आम का उत्पादन किया जाता है, फिर बिहार है जहां 11.19 प्रतिशत उत्पादन किया जाता है. चौथे नंबर पर कर्नाटक है, जहां 8.06 प्रतिशत उत्पादन होता है और पांचवें पर तमिलनाडु है जहां 5.65 प्रतिशत आम का उत्पादन होता है और इसके बाद गुजरात है जहां 5.53 प्रतिशत आम का उत्पादन होता है. इनके अलावा कई अन्य राज्य और भी हैं जहां बचे हुए 30 प्रतिशत आम का उत्पादन किया जाता है.

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