National Mathematics Day 2023: आज राष्ट्रीय गणित दिवस पर जानें इस दिलचस्प विषय के बारे में रोचक बातें
National Mathematics Day 2023: महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को मद्रास में हुआ था. इस दिन को हर वर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है. उनका पूरा नाम श्रीनिवास अयंगर रामानुजन है.
National Mathematics Day 2023: गणित एक ऐसा विषय है, जो काफी बच्चों की समझ से बाहर होता है. इसे पढ़ने व समझने में बच्चों के पसीने छूट जाते हैं. कुछ बच्चे तो गणित में तेज होते हैं, लेकिन कुछ इसमें कमजोर रह जाते हैं. यही वजह है कि कई बच्चे गणित विषय के प्रश्न को हल करने में घंटों समय बिता देते हैं. कई बच्चे तो डर से गणित में कम अंक लाते हैं. लेकिन, गणित हमारे दैनिक जीवन के लिए बेहद जरूरी है. फॉर्मूले पर आधारित यह विषय काफी दिलचस्प है. बस जरूरी है कि बच्चे को थोड़ा गाइड करके इस सब्जेक्ट को लेकर उनके मन में बने डर को दूर किया जाये. इसके बाद गणित से दोस्ती हो जायेगी. क्योंकि, गणित एक बार समझ लेने से काफी आसानी से हल किया जा सकता है.
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क्यों मनाया जाता है यह दिवस
महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को मद्रास में हुआ था. इस दिन को हर वर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है. उनका पूरा नाम श्रीनिवास अयंगर रामानुजन है. 26 फरवरी 2012 को देश जब श्रीनिवास की 125वीं जयंती मनाने की तैयारी कर रहा था, उसी वर्ष भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रामानुजन का गणित के प्रति समर्पण व विदेशों में भारत को विशिष्ट सम्मान दिलाने के लिए विशेष सम्मान देते हुए 22 दिसंबर के दिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इसके बाद से प्रत्येक वर्ष 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है.
रामानुजन अवार्ड
रामानुजन अवार्ड युवा मैथेमेटिशियन को साल 2005 के बाद से हर वर्ष दिया जाता है. 2021 में कोलकाता स्थित इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट की प्रोफेसर नीना गुप्ता को रामानुजन प्राइज फॉर यंग मैथेमेटिशियन से सम्मानित किया गया था. प्रो नीना गुप्ता रामानुजन पुरस्कार प्राप्त करने वाली तीसरी महिला हैं.
राष्ट्रीय गणित दिवस के दिन जानें वैदिक गणित के बारे में
वैदिक गणित या वैदिक गणित संख्यात्मक गणनाओं को शीघ्रता से हल करने की विधियों या सूत्रों का एक संग्रह है. इसमें 16 सूत्र जिन्हें सूत्र कहा जाता है और 13 उप-सूत्र जिन्हें उप सूत्र कहा जाता है, शामिल हैं, जिनका उपयोग अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति, कैलकुलस, शंकु विज्ञान आदि में समस्याओं को हल करने के लिए किया जा सकता है. वैदिक गणित के सभी सूत्र और उप सूत्र प्रदर्शन करने में मदद करते हैं गणितीय संक्रियाएं शीघ्र एवं सटीकता से.
वैदिक गणित के लाभ
वैदिक गणित के महत्व को विभिन्न तरीकों से समझाया जा सकता है. संख्यात्मक समस्याओं के सरलीकरण में वैदिक गणित का प्रयोग आधुनिक गणना पद्धतियों से कई गुना तेज है. कभी-कभी, संख्यात्मक गणनाओं को सरल बनाने की इस विधि में कागज और कलम की भी आवश्यकता नहीं होती है. इस प्रकार, वैदिक गणित सीखने से समय की बचत होती है और गणित के अधिक अनुप्रयोगों को सीखने में रुचि बढ़ती है. वैदिक गणित सूत्रों के कुछ लाभ नीचे सूचीबद्ध हैं:
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गणनाएं आसान और संक्षिप्त हो जाती हैं.
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कम समय में सरलीकरण किया जा सकता है.
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विद्यार्थियों को मानसिक तनाव कम होता है.
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सूत्र-आधारित विधियों द्वारा प्राप्त परिणामों को सामान्य प्रक्रियाओं से आसानी से सत्यापित किया जा सकता है.
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इन सूत्रों का प्रयोग करने वाले विद्यार्थियों द्वारा त्रुटियाँ करने की संभावना नगण्य है.
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सूत्रों के उपयोग से छात्रों को गणित विषय में अपने ज्ञान और रुचि को बेहतर बनाने में मदद मिलती है.
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वैदिक गणित मानसिक गणनाओं का उपयोग करके कठिन समस्याओं को हल करने में मदद करता है.