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राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन का आज होगा समापन, गोविंदाचार्य ने कहा भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी

श्री गोविंदाचार्य ने कहा कि अल्जीरिया के लोग फ्रांस और फिलिपींस के लोग जापान जा रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के अस्पतालों और होटलों में काम करने के लिए युवा पीढ़ी नहीं रह गयी है. वहां फिलिपींस के लोग अस्पताल और होटल में काम कर रहे हैं.

प्रतिनिधि, पूर्वी टुंडी : राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन पूर्वी भारत प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन रविवार को संस्थापक केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून आना चाहिए, पर क्वालिटी पॉपुलेशन पर भी विचार होना चाहिए. आज तुर्की के लोग घरेलू कामकाज के लिए जर्मनी जा रहे हैं, क्योंकि जर्मनी की अधिकतर आबादी वृद्ध हो गई है. यह यूरोप के कई देशों की एक बड़ी समस्या हो गयी है. इससे एक देश की दूसरे देशों में घुसपैठ हो रही है.

उपनिवेशवाद से हथियारवाद का जन्म 

श्री गोविंदाचार्य ने कहा कि अल्जीरिया के लोग फ्रांस और फिलिपींस के लोग जापान जा रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के अस्पतालों और होटलों में काम करने के लिए युवा पीढ़ी नहीं रह गयी है. वहां फिलिपींस के लोग अस्पताल और होटल में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1493 में कोलंबस द्वाराे अमेरिका की खोज के कारण उपनिवेशवाद का जन्म हुआ और अगले 100 वर्षों में आधा यूरोप खाली हो गया. उपनिवेशवाद ने हथियारवाद को जन्म दिया और इसी की अगली विकृति साम्राज्यवाद के रूप में आयी. साम्राज्यवाद के कारण दुनिया ने दो विश्वयुद्ध देखे.

स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय अवदान 

श्री गोविंदाचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के कारण ही वर्ष 2011 में गंगा राष्ट्रीय नदी घोषित हुई और इसे अविरल और निर्मल प्रवाह के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं बनायीं. संचार तकनीक को जिम्मेदार बनाने के लिए कस्टमर केयर ग्रीवांस अफसर आदि की व्यवस्था भी स्वाभिमान आंदोलन का परिणाम है. ईवीएम में नोटा की व्यवस्था का कारक भी स्वाभिमान आंदोलन है. स्वाभिमान आंदोलन का ही परिणाम है कि कृषि भूमि के अधिग्रहण में कई शर्तें जोड़ी गयीं. केंद्र सरकार के वार्षिक बजट का 3% सीधे गांवों को स्वाभिमान आंदोलन ने ही भिजवाया है. हालांकि आंदोलन की मांग 7% की रही है.

कार्यकर्ता निर्माण एवं नेतृत्व विकास पर टिप्स

चतुर्थ सत्र में कार्य पद्धति पर गजाधर विद्रोही एवं गिरिराज गुप्ता ने कार्यकर्ताओं को कई टिप्स दिये. सुरेंद्र सिंह बिष्ट का भी व्याख्यान हुआ. कार्यकर्ता निर्माण एवं नेतृत्व विकास पर चंद्रशेखर प्राण एवं बासव राज पाटिल तथा भारत परस्त गरीब परस्त जन संगठन के गठन पर पवन श्रीवास्तव एवं विनय भूषण ने अपनी राय दी. चेतना शोध संस्थान के संस्थापक एवं राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के पूर्वी भारत संरक्षक शैलेंद्र ने प्रशिक्षण वर्ग की रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला. कार्यक्रम को भाजपा नेता हरि प्रकाश लाटा, पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता अरुण सत्यमूर्ति, विलियम हासदा, समाजसेविका मधु सिंह, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता सुबूही खान, कृष्ण लाल रुंगटा, प्रसून हेंब्रम, एसएन लाल त्यागी ने संबोधित किया.

शाम के सत्र से पूर्व गोविंदाचार्य ने शाश्वत वाटिका में विभिन्न प्रकल्पों का उद्घाटन किया. इस तीन दिवसीय आयोजन में किरीट चौहान, सरोज महतो, पदो मरांडी, हेनो लाल हेंब्रम, रविंद्र मुर्मू, सुखदेव प्रसाद, डॉ श्रीनिवास मेहता, हजरत अली, सुबोधन मुर्मू, रवींद्रनाथ मुर्मू, तोपचांची प्रमुख आनंद कुमार, विमल शर्मा, सुनीता कुमारी, तुरसा बेसरा आदि सक्रिय हैं. संचालन महेंद्र अग्रवाल तथा धन्यवाद ज्ञापन रमेश रुज ने किया. प्रशिक्षण वर्ग का समापन सोमवार को होगा.

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